जाति जनगणना का नोटिफिकेशन जारी, 1 मार्च 2027 तक पूरी होगी जनगणना की प्रकिया

गृह मंत्रालय ने सोमवार को जातीय जनगणना के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी है। केंद्र सरकार दो फेज में जातीय जनगणना कराएगी। नोटिफिकेशन के मुताबिक, पहले फेज की शुरुआत 1 अक्टूबर 2026 से होगी।

अमित शाह

अमित शाह Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को जनगणना को लेकर आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। जनगणना की ये  प्रक्रिया 1 मार्च 2027 तक पूरी हो जाएगी, जबकि लद्दाख, जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जनगणना पूरी होने की तिथि 1 अक्टूबर 2026 रहेगी। जनगणना के साथ ही इस बार जाति का जनगणना भी करवाई जाएगी, जिसका सरकार ने कुछ वक्त पहले ही ऐलान किया था।

अधिसूचना में कहा गया, "केंद्रीय सरकार, जनगणना अधिनियम, 1948 (1948 का 37) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारत के राजपत्र असाधारण, भाग 2, खंड 3 उपखंड (ii) तारीख 28 मार्च, 2019 में प्रकाशित भारत सरकार के गृह मंत्रालय (भारत के महारजिस्ट्रार का कार्यालय) की अधिसूचना संख्यांक का। आ। 1455(अ) तारीख 26 मार्च, 2019 के अधिक्रमण में, उन बातों के सिवाय, जिन्हें ऐसे अधिक्रमण से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है, यह घोषणा करती है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी।"

दो चरणों में पूरी होगी जनगणना

इसमें आगे कहा गया है, "उक्त जनगणना के लिए संदर्भ तारीख, संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख के और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के सिवाय, मार्च, 2027 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी। संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख के लिए और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के लिए संदर्भ तारीख अक्तूबर, 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी।"

केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना 

यह पहली बार है, जब जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जा रहा है। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्र ने जाति आधारित गणना को मंजूरी दी थी, ताकि सरकार बेहतर नीतियां बना सके और इन्हें लक्ष्य-आधारित कर सके। हालांकि, जाति आधारित गणना की मंजूरी ने राजनीतिक विवाद भी पैदा किया। कांग्रेस ने दावा किया कि मोदी सरकार को सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के उनके विचार को शामिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं, भाजपा ने विपक्ष का मजाक उड़ाया और कहा कि विपक्ष पिछड़े वर्गों का चैंपियन होने का दावा करता है, लेकिन असल में एनडीए सरकार ही जमीनी स्तर पर बदलाव ला रही है।

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