10वीं में पंजाबी भाषा हटाने के आरोप पर CBSE का स्पष्टीकरण- कोई विषय नहीं हटाया गया

सीबीएसई ने 2026 से कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएं वर्ष में दो बार आयोजित करने का मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे को बोर्ड ने 25 फरवरी को फीडबैक के लिए सार्वजनिक किया था। इसके बाद सवाल खड़े हुए थे।

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CBSE Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पर आरोप लगाए गए थे कि उसने 10वीं कक्षा के लिए क्षेत्रीय भाषा के विषयों की सूची से पंजाबी को हटा दिया है। इस विवाद पर बोर्ड ने बुधवार को सफाई दी कि कोई भी विषय हटाया नहीं गया है। पंजाबी समेत अन्य सभी विषय पहले की तरह बने रहेंगे। 

सीबीएसई ने 2026 से कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएं वर्ष में दो बार आयोजित करने का मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे को बोर्ड ने 25 फरवरी को फीडबैक के लिए सार्वजनिक किया है। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने इसको लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड द्वारा जारी ड्राफ्ट में पंजाबी भाषा नहीं है।

ड्राफ्ट में दी गई सूची केवल सांकेतिक: CBSE

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि बोर्ड के वर्तमान विषयों की सूची में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अभी उपलब्ध कराए जा रहे सभी विषय पूर्व की भांति जारी रहेंगे। ये विषय बोर्ड के दोनों चरणों की परीक्षा में रहेंगे। इस संबंध में ड्राफ्ट में दी गई सूची केवल सांकेतिक है।

सीबीएसई ने मंगलवार शाम को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का मसौदा जारी किया था। नई परीक्षा प्रणाली का मसौदा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर समीक्षा के लिए उपलब्ध है। स्कूल, शिक्षक, अभिभावक, छात्र और आम जनता सहित सभी हितधारक प्रस्तावित नीति पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

साल में दो बार परीक्षा का प्रस्ताव

सीबीएसई का कहना है कि व्यापक चर्चा के बाद मसौदा नीति विकसित की गई है और इसे वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। हितधारक 9 मार्च 2025 तक ड्राफ्ट नीति पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। प्रतिक्रियाओं की समीक्षा के बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

नए प्रस्ताव के मुताबिक, हर साल पहली बार 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी के बाद पहले मंगलवार से शुरू होंगी और परीक्षाएं 6 मार्च तक पूरी कर ली जाएंगी। बोर्ड परीक्षा का दूसरा चरण 5 मई से 20 मई तक आयोजित किया जाएगा। नई प्रणाली का लाभ यह होगा कि छात्र अपनी इच्छानुसार दूसरी बार की परीक्षा में भी शामिल हो सकेंगे। हालांकि, यदि वे केवल एक बार ही परीक्षा देना चाहें तो यह विकल्प भी चुन सकते हैं।

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