नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 2026 से हाई स्कूल की परीक्षा साल में दो बार कराने पर विचार कर रहा है। इसके लिए बोर्ड ने मसौदा मानदंडों को मंजूरी दे दी है। इसके बाद इसे पब्लिक के बीच भेजा गया है जहां नौ मार्च तक लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। लोगों से प्राप्त सुझावों के बाद इसे मंजूरी दी जाएगी। ऐसे में जानेंगे कि इस प्रक्रिया के लागू होने के बाद क्या बदलाव होंगे? यह परीक्षा दो चरणों में कैसे आयोजित की जाएगी और क्या मार्किंग पर इसका कुछ असर पड़ेगा? साल में दो बार परीक्षा आयोजित कराने का बोर्ड के क्या उद्देश्य हैं? 

दो चरणों कराई जाएगी परीक्षा 

मसौदा मानदंडो के अनुसार, अब परीक्षा दो चरणों में होगी। दो चरण इस प्रकार होंगे- 

पहला चरण - 17 फरवरी से छह मार्च 

दूसरा चरण - पांच मई से 20 मई तक 

इस ड्राफ्ट के अनुसार परीक्षा की अवधि 16-18 दिनों तक सीमित की गई है जोकि अभी की अवधि की आधी है। 

क्या है उद्देश्य?

बोर्ड की परीक्षा दो चरणों में कराने का उद्देश्य छात्रों के तनाव को कम करना है। इससे छात्रों को एक साल में दो अवसर मिलेंगे। बोर्ड का उद्देश्य है कि इससे छात्रों के लिए परीक्षा का जोखिम कुछ हद तक कम हो सकेगा। गौरतलब है कि साल 2020 में आई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानी एनईपी में सिफारिश की गई थी कि बोर्ड परीक्षा के उच्च जोखिम को कम करने की बात की गई थी।

इसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि छात्रों को एक साल में परीक्षा के लिए अधिकतम दो अवसर दिए जाने चाहिए। इस व्यवस्था के तहत छात्र साल दो बार परीक्षा में बैठ सकेंगे। इसके साथ ही इसके दोनों चरण एक-दूसरे के सप्लीमेंट का काम करेंगे। यदि छात्र दूसरे विकल्प को चुनते हैं तो वे उन विषयों को छोड़ सकते हैं जिनकी परीक्षा दोबारा नहीं देना चाहते हैं।

इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय की तरफ से एक बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कर रहे थे। इस बैठक में इसको लेकर नीतिगत परिवर्तन पर चर्चा हुई। बोर्ड का मत है कि छात्रों को साल में दो अवसर प्रदान करने से उनका तनाव तो कम होगा ही, इसके साथ ही इससे उनके प्रदर्शन में सुधार भी हो सकेगा। 

बोर्ड का अनुमान है कि अगले साल हाई स्कूल की परीक्षा में 26 लाख से अधिक छात्र शामिल हो सकते हैं। 2026 में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण इस साल सितंबर तक पूरा हो जाएगा, जब छात्रों को यह बताना होगा कि वे पहली परीक्षा, दोनों या सिर्फ दूसरी परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं।

मार्किंग की क्या व्यवस्था होगी? 

पहले चरण का परिणाम 20 अप्रैल जबकि दूसरे चरण का परिणाम 30 जून को घोषित किया जाएगा। वहीं, जो छात्र दोनों चरणों में बैठेंगे ऐसे छात्रों को फाइनल मार्कशीट दी जाएगी। हालांकि परीक्षा भले ही दो चरणों में आयोजित की जाएगी लेकिन प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट सिर्फ एक बार ही होगा। 

अधिकारियों के मुताबिक, दोनों ही चरणों के लिए परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्र समान रहेंगे। हालांकि, इसके लिए शुल्क बढ़ाया जाएगा। शु्ल्क परीक्षा के लिए आवेदन करते समय ही लिया जाएगा।