सीबीएसई ने जारी किया नया सुरक्षा गाइडलाइन, स्कूलों में CCTV अनिवार्य, 15 दिन की फुटेज भी रखनी होगी

सीबीएसई के गाइडलाइन के अनुसार सीसीटीवी स्कूल के सभी प्रवेश और निकास द्वारों, लॉबी, गलियारों, सीढ़ियों, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, कैंटीन, स्टोररूम, खेल के मैदानों और अन्य स्थानों पर लगाया जाना चाहिए।

School going Children

प्रतीकात्मक तस्वीर Photograph: (AI/ Grok)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्र-छात्राओं की स्कूल परिसर में सुरक्षा को लेकर सोमवार को नया गाइडलाइन जारी किया है। यह गाइडलाइन सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों के लिए है। दरअसल, बोर्ड ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों (affiliated schools) को ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग क्षमता वाले उच्च-रिजॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस नए निर्देश का उद्देश्य स्कूल परिसरों में सुरक्षा बढ़ाना और छात्रों व कर्मचारियों दोनों के अक्सर उपयोग किए जाने वाले स्कूल के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करना है। 

ऐसे में सभी सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों को अब एक सीसीटीवी सिस्टम लगाना होगा। सीबीएसई के निर्देशों के अनुसार साथ ही ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग को कम से कम 15 दिनों तक स्टोर किया जाना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों द्वारा रिव्यू के लिए उपलब्ध रखा जाना चाहिए।

क्लासरूम और कॉमन एरिया में लगाना होगा सीसीटीवी

सीबीएसई के गाइडलाइन के अनुसार सीसीटीवी स्कूल के सभी प्रवेश और निकास द्वारों, लॉबी, गलियारों, सीढ़ियों, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, कैंटीन, स्टोररूम, खेल के मैदानों और अन्य स्थानों पर लगाया जाना चाहिए। शौचालय और वाशरूम इससे बाहर रहेंगे। सिस्टम में ऐसे स्टोरेज उपकरण होने चाहिए जो कम से कम 15 दिनों की रिकॉर्ड की गई फुटेज को सुरक्षित रख सकें। 

बोर्ड ने स्कूलों को रिकॉर्डिंग का बैकअप रखने और सिस्टम का नियमित रखरखाव करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य पूरे परिसर में व्यापक निगरानी कवरेज सुनिश्चित करना है, जिससे पहले से मौजूद सुरक्षा ढांचे को और मजबूत किया जा सके। ये सभी उपाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा जारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर मैनुअल के अनुरूप हैं।

इस मैनुअल के अनुसार स्कूलों को बच्चों के लिए एक ऐसा सुरक्षित वातावरण देना चाहिए जो उन्हें दुर्व्यवहार, हिंसा, प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं, आग के खतरों, परिवहन संबंधी समस्याओं और भावनात्मक आघात से बचाने में मदद मिले। 

इमोशनल सेफ्टी या भावनात्मक सुरक्षा को चिंता का विषय बताया गया है। खासकर बुलिंग के मामलों में यह गंभीर हो जाता है। मैनुअल में कहा गया है कि बुलिंग से छात्रों में आत्म-सम्मान में कमी और दीर्घकालिक तनाव हो सकता है। इसलिए ऐसे मामलों की निगरानी अहम है।

सीसीटीवी अनिवार्य रूप से लगाने संबंधी निर्देश सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और प्रबंधकों को भेज दिया गया है। स्कूलों को बोर्ड से अपनी संबद्धता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपायों का पूरी तरह से पालन करना आवश्यक होगा।

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