नई दिल्ली: सीबीआई पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों की जांच जारी रखेगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दी गई याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया।
यही नहीं, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने ममता बनर्जी सरकार से पूछा कि राज्य एक व्यक्ति को बचाने में इतनी रुचि क्यों ले रहा है। इसी साल फरवरी में शाहजहां शेख को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही तृणमूल ने शेख को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का दिया था आदेश
इसी साल अप्रैल में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शाहजहाँ और उसके सहयोगियों के खिलाफ 42 मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसमें राशन घोटाले के आरोप भी शामिल थे। कोर्ट ने कहा था कि ये मामले जटिल हैं और इनकी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बहरहाल, शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को बंगाल सरकार की याचिका खारिज कर दी और हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
Supreme Court rejects West Bengal government’s plea challenging Calcutta High Court order directing CBI investigation into allegations of land grabbing and sexual assault in Sandeshkhali pic.twitter.com/ByDOAJM35p
— ANI (@ANI) July 8, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को टिप्पणी की थी कि राज्य किसी एक शख्स के लिए याचिकाकर्ता के रूप में क्यों आई है? इस पर बंगाल सरकार के वकील ने तर्क दिया था कि उच्च न्यायालय के फैसले में बंगाल सरकार के बारे में टिप्पणियां थीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा, ‘अगर आपको ऐसा लगता है तो आप हाई कोर्ट जाकर उन टिप्पणियों को हटाने के लिए कह सकते हैं।’
पश्चिम बंगाल सरकार ने क्या दलीलें दी?
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने सोमवार को कहा कि सीबीआई को हाई कोर्ट का निर्देश केवल ईडी से संबंधित दो प्राथमिकियों तक ही सीमित रखा जा सकता था, लेकिन इसमें अन्य कथित अपराध भी शामिल हैं।
बंगाल सरकार की ओर से याचिका में कहा गया था कि हाई कोर्ट के आदेश से पुलिस बल समेत राज्य के तंत्र का मनोबल कमजोर हुआ है। हालांकि, जस्टिस गवई ने कहा कि राज्य ने ‘महीनों तक कुछ नहीं किया।’ कोर्ट ने फिर पूछा कि राज्य को एक व्यक्ति को बचाने में रुचि क्यों है। इस पर सिंघवी ने हाई कोर्ट के आदेश में की गई कई टिप्पणियों का विरोध किया और कहा कि कथित राशन घोटाले के संबंध में बहुत काम किया गया है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट फिर भी सहमत नहीं हुआ और हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट साथ ही कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस के खिलाफ अदालत की टिप्पणियों का सीबीआई जांच पर असर नहीं पड़ना चाहिए।
बता दें कि संदेशखाली में शाहजहां और उसके सहयोगियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न, भूमि पर कब्ज़ा और राशन घोटाले के कई आरोप हैं। सीबीआई शाहजहां के समर्थकों द्वारा कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर किए गए हमले की भी जांच कर रही है। टीम पर हमला उस समय किया गया था जब वो शाहजहां के यहां छापेमारी करने जा रही थी। हमले में कई अधिकारी घायल हो गये थे। शाहजहां यौन उत्पीड़न और जमीनों पर कब्जा करने के आरोपों के सामने आने के बाद गायब हो गया था। राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर उसे बचाने के आरोप भी लगे।