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नई दिल्लीः राज्यसभा में एक अप्रत्याशित घटना ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को बताया कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी के लिए आवंटित सीट संख्या 222 के नीचे नोटों की गड्डी पाई गई। यह खुलासा संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सुरक्षा अधिकारियों द्वारा की गई नियमित जांच में हुआ।
सभापति धनखड़ ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा, “यह मामला मेरे ध्यान में लाया गया और मैंने निर्देश दिए हैं कि जांच कानूनी रूप से हो। सभी नियमों का पालन करते हुए कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि मामले में अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और जांच जारी है।
कल मैं सदन में कुल 3 मिनट और कैंटीन में 30 मिनट रहाः सिंघवी
घटना पर कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने हैरानी व्यक्त की। उन्होंने समाचार एजेंंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "मैं इस बारे में सुनकर ही हैरान हूं। मैंने इसके बारे में कभी नहीं सुना। मैं कल दोपहर 12.57 बजे सदन के अंदर पहुंचा। सदन से दोपहर 1 बजे उठा। दोपहर 1 से 1:30 बजे तक मैं अयोध्या प्रसाद के साथ कैंटीन में बैठा और लंच किया। दोपहर 1:30 बजे मैं संसद से चला गया। इसलिए कल मैं सदन में कुल 3 मिनट और कैंटीन में 30 मिनट रहा।'' उन्होंने कहा कि मैं हमेशा अपने पास केवल ₹500 लेकर चलता हूं।
सिंघवी ने आगे कहा कि मुझे यह अजीब लगता है कि ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति की जाती है। बेशक इस बात की जांच होनी चाहिए कि लोग कैसे कहीं भी किसी भी सीट पर कुछ भी रख सकते हैं और इस बारे में आरोप लगा सकता है। सिंघवी ने यह भी सुझाव दिया कि सांसदों को अपनी सीटों को लॉक करने की सुविधा मिलनी चाहिए ताकि इस तरह के झूठे आरोपों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि अगर यह दुखद और गंभीर नहीं होता तो यह हास्यास्पद होता..."
मल्लिकार्जुन खड़गे और नड्डा आमने-सामने
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले में सभापति द्वारा सिंघवी का नाम लेने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, मैं सभापति से अनुरोध करना चाहता हूं कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और घटना की प्रमाणिकता स्थापित नहीं हो जाती, तब तक जांच में किसी सदस्य का नाम उजागर नहीं किया जाना चाहिए। इससे गलत संदेश जाता है।
दूसरी ओर, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे “राज्यसभा की गरिमा पर आघात” बताते हुए कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है। मुझे उम्मीद थी कि विपक्ष के नेता खुद विस्तृत जांच की मांग करेंगे, लेकिन वे उल्टा हंगामा कर रहे हैं। विपक्ष को हमेशा सद्बुद्धि रखनी चाहिए। दोनों पक्षों को इसकी निंदा करनी चाहिए।”
घटना को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों के बीच तीखी बहस हुई। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पास इतना पैसा है कि वे नोटों के ढेर को लेकर चिंतित नहीं हैं। एनडीटीवी से बात करते हुए सुधांशु ने कहा, "दावा करने या स्पष्टीकरण देने के बजाय उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया है। इसका मतलब है कि उनके पास इतना पैसा है कि उन्हें इसकी परवाह नहीं है कि कितने नोट यहां-वहां रह गए हैं। ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं।"