केरल: IAS अधिकारी के फोन हैक कर कई धार्मिक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने पर मामला दर्ज

एक रिपोर्ट के अनुसार, नाम नहीं बताने के शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, अधिकारियों के बीच कई तरह के व्हाट्सऐप ग्रुप हैं, लेकिन धार्मिक आधार पर व्हाट्सऐप ग्रुप बनाना नई बात है।

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Case registered for creating several religious WhatsApp groups by hacking phone of Kerala IAS officer K Gopalakrishnan Mallu Hindu Officers

केरल के आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन और व्हाट्सऐप (फोटो-facebook.com|collectormalappuram / IANS)

तिरुवनंतपुरम: केरल के आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन ने सोमवार को पुलिस से शिकायत की है कि अज्ञात लोगों द्वारा उनके फोन को हैक कर धार्मिक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल के उद्योग और वाणिज्य के निदेशक गोपालकृष्णन की शिकायत पर तिरुवनंतपुरम पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। गोपालकृष्णन ने शिकायत में कहा है कि हैकरों द्वारा उनके फोन को हैक किया गया है और बिना उनकी मर्जी के 11 अलग-अलग व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं।

अधिकारी का दावा किया है कि इन ग्रुप में "मल्लू हिंदू ऑफिसर्स" और "मल्लू मुस्लिम ऑफिसर्स" जैसे धार्मिक व्हाट्सऐप भी ग्रुप बनाए गए हैं जिनका एडमिन उन्हें बनाया गया है। उन्होंने बताया है कि "मल्लू हिंदू ऑफिसर्स" को 30 अक्टूबर को बनाया गया है और कई सीनियर अधिकारियों को मेंबर के तौर पर ग्रुप में जोड़ा गया है।

दावा है कि जब सीनियर अफसरों ने ग्रुप को लेकर अपनी अपत्ति जताई थी तब कुछ घंटों बाद ग्रुप को डिलीट कर दिया गया था। सीनियर अफसरों ने इसे अनुचित और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ पाया था।

तिरुवनंतपुरम पुलिस ने व्हाट्सऐप से मांगी है जानकारी

अखबार के मुताबिक, मामले में तिरुवनंतपुरम पुलिस आयुक्त स्पार्जन कुमार ने पुष्टि की है कि वे घटना की जांच कर रहे हैं और इस संबंध में व्हाट्सऐप से जानकारी मांगी गई है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या गोपालकृष्णन का फोन हैक कर ग्रुप बनाए गए हैं या नहीं।

केरल की राज्य सरकार भी इस मामले को देख रही है उद्योग मंत्री पी राजीव ने कहा कि वे इस मुद्दे की समीक्षा कर रहे हैं। सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने जांच पूरी होने से पहले मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, नाम नहीं बताने के शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "अधिकारियों के बीच कई तरह के व्हाट्सऐप ग्रुप हैं, लेकिन धार्मिक आधार पर व्हाट्सऐप ग्रुप बनाना नई बात है।"

"मल्लू मुस्लिम ऑफिसर्स" ग्रुप भी बनाया गया था

आईएएस अधिकारी गोपालकृष्णन ने दावा किया है कि "मल्लू हिंदू ऑफिसर्स" के बाद "मल्लू मुस्लिम ऑफिसर्स" ग्रुप को बनाया गया था और उन्हें फिर से ग्रुप का एडमिन बनाया गया था। ग्रुप के बारे में जब उनके साथियों ने जानकारी दी थी तो उन्होंने इसे डिलीट कर दिया था।

मामले में सरकारी अधिकारियों और नेताओं की ओर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। उद्योग मंत्री पी राजीव ने कहा कि अगर ये ग्रुप धार्मिक आधार पर बनाए गए हैं तो इसकी गंभीरता को देखते हुए सरकार आगे इसकी पूरी जांच करेगी।

इसके अलावा राज्य का सामान्य प्रशासन विभाग घटना के संबंध में गोपालकृष्णन से स्पष्टीकरण भी मांग सकता है। इस बीच विपक्षी नेता वी डी सतीसन ने घटना की आलोचना की है और इस तरह के ग्रुप के गठन को राज्य का अपमान बताया है।

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