हैदराबाद: तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी-ACB) ने गुरुवार को बीआरएस (BRS) नेता और पूर्व मंत्री केटी रामा राव के खिलाफ मामला दर्ज किया। केटीआर पर पिछले साल फरवरी में हैदराबाद में फॉर्मूला ई-कार रेसिंग इवेंट के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगा था।

इससे पहले राज्यपाल से सहमति ली गई, जिसके बाद एसीबी अधिकारियों ने अब मामला दर्ज किया है। इस मामले में केटीआर को मुख्य आरोपी बनाया गया है। केटीआर, जो बीआरएस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हैं, पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे हैं।

उधर केटीआर ने इवेंट के लिए किए गए भुगतान में किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया। उन्होंने कहा कि रेस का आयोजन हैदराबाद की छवि को वैश्विक स्तर पर बेहतर तरीके से पेश करने के लिए किया गया था।

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की शिकायत के बाद शुरू हुई जांच

केटीआर के अलावा पूर्व प्रमुख सचिव अरविंद कुमार और एचएमडीए के मुख्य अभियंता बीएलएन रेड्डी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि आयोजन के दौरान केटीआर ने कथित तौर पर लंदन स्थित एक कंपनी को 55 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे। यह आयोजन तब हुआ था जब केटीआर राज्य के एमएयू मंत्री थे।

मामला वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दाना किशोर की शिकायत पर दर्ज किया गया, जो एमए और यूडी विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव थे। उन्होंने इन तीन लोगों पर पैसों की हेराफेरी का आरोप लगाया था।

केटीआर समेत दो अन्य आरोपियों पर क्या आरोप लगे हैं

आरोप है कि हैदराबाद में फॉर्मूला ई रेसिंग के दूसरे संस्करण के इवेंट के दौरान उचित वित्तीय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा, बिना कैबिनेट की मंजूरी के करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अनाधिकृत लेन-देन के लिए तेलंगाना सरकार पर आठ करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था, जिसे बाद में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने अदा किया। जुर्माना लगाए जाने के बाद कांग्रेस सरकार ने यह पता लगाने की कोशिश की थी कि आरबीआई ने यह जुर्माना क्यों लगाया।

जांच में यह खुलासा हुआ कि रेसिंग इवेंट के दौरान नियमों की अनदेखी कर लेन-देन में हेराफेरी की गई थी। इसके बाद एसीबी ने अपनी जांच शुरू की, जिसके बाद केटीआर सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।