Virendra Sachdeva Photograph: (IANS)
नई दिल्लीः दिल्ली विधान सभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सरकार गठन के बाद आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार की एसआईटी से जांच करायी जाएगी। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को कहा कि सरकार गठन के बाद पहली कैबिनेट बैठक में एसआईटी जाँच का फैसला लिया जाएगा।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाएगी और घोटालों में शामिल लोगों की जवाबदेही तय की जाएगी।
सचदेवा ने कहा कि "जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार कहा है और हमने भी वादा किया था कि कैबिनेट की पहली बैठक में ही CAG की रिपोर्ट पेश की जाएगी। हम भ्रष्टाचार से जुड़े सभी मामलों की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन करेंगे।"
दिल्ली की 70 विधान सभा सीटों के लिए हुए चुनाव में 48 सीटें जीतकर भाजपा ने 27 साल बाद राजधानी की सत्ता में वापसी की है। वहीं 11 साल से दिल्ली में काबिज आम आदमी पार्टी को 22 सीटों से संतोष करना पड़ा। लगातार 15 साल तक दिल्ली में सरकार चलाने वाली कांग्रेस को लगातार तीसरी बार शून्य सीट से संतोष करना पड़ा।
CAG रिपोर्ट और शराब घोटाले की जांच होगी तेज़
भ्रष्टाचार की जांच के लिए SIT गठित करने की घोषणा इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि CAG की कथित रिपोर्ट में दिल्ली की आबकारी नीति घोटाले को लेकर गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। BJP ने पहले भी इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी और इसके लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। अब सत्ता में आते ही बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले को गंभीरता से लेगी और दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
PM मोदी और जेपी नड्डा को दिया जीत का श्रेय
दिल्ली में 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी ने अपनी ऐतिहासिक जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को दिया। बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के वोटर्स ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास जताया है और विकास के लिए बीजेपी का समर्थन किया है।
BJP की इस जीत से साफ हो गया कि जनता अब भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और रेवड़ी संस्कृति (फ्रीबी कल्चर ) से आगे बढ़कर एक मजबूत और स्थिर सरकार चाहती है। अब देखना होगा कि SIT की जांच किस तरह आगे बढ़ती है और क्या दिल्ली की राजनीति में इससे कोई नया मोड़ आता है?