तिरुवनंतपुरम: केरल के 21 अस्पतालों में 7.28 करोड़ रुपये के लगभग 172 उपकरण बेकार पड़े हुए हैं। सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की जांच यह बात सामने आई है। सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर विधानसभा में मंगलवार को पेश सीएजी की रिपोर्ट में कई और कमियों का संकेत दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये उपकरण इसलिए बेकार पड़े हैं, क्योंकि इसके संचालन के लिए जरूरी लोगों की कमी है। साथ ही कुछ उपकरणों की मरम्मत लंबित है। वहीं, कुछ उपकरण अस्पताल की मांग के बगैर ही सप्लाई कर दिए गए थे। रिपोर्ट में केरल के सरकारी अस्पतालों में पिछले 1 से 107 महीनों के बीच बेकार पड़े उपकरणों का उल्लेख किया गया है।
राजधानी के सरकारी अस्पतालों में भी हाल बुरा
रिपोर्ट के अनुसार तिरुवनंतपुरम और अलाप्पुझा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और तिरुवनंतपुरम के डेंटल कॉलेज में 4.94 करोड़ के 59 उपकरण सालों से बेकार पड़े हैं। इनमें से 89 लाख के 20 उपकरण अब मरम्मत के भी लायक नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) और चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) खरीदे गए इन उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिए इसे अन्य जरूरतमंद अस्पतालों में वितरित करने की संभावना तलाश सकते थे।
एक ऑडिट प्रश्न के उत्तर में डीएचएस ने कहा कि 14.09 लाख रुपये मूल्य के आठ उपकरण जो तीन अस्पतालों में बेकार पड़े थे, उन्हें अन्य अस्पतालों में भेज दिया गया। राज्य सरकार ने कहा है कि तिरुवनंतपुरम के सरकारी अस्पतालों के मामले में, कुछ उपकरणों को उपयोग के लिए तैयार करने के कदम उठाए गए हैं। साथ ही कुछ अन्य उपकरणों के निराकरण लिए दूसरा कोई रास्ता निकालने की भी कोशिश की गई है।
हालांकि, सीएजी ने रिपोर्ट में टिप्पणी की है कि केरल की सरकार का जवाब तर्कसंगत नहीं है। सीएजी के अनुसार राज्य सरकार ने उपकरण को इस्लेमाल में लाने या इसके निराकरण के लिए कोई कार्य योजना या समय सीमा नहीं बताई है। रिपोर्ट में साथ ही कहा गया है कि सरकार ने अन्य अस्पतालों में बेकार पड़ी उपकरणों को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है और चुप्पी साधे हुए है।
मेडिकल उपकरणों के बेकार पड़े होने की क्या है वजह?
रिपोर्ट के अनुसार उपकरणों के बेकार पड़े होने की वजह कर्मचारियों की कमी से लेकर इन्हें इंस्टॉल नहीं किया जाना है। त्रिक्कनपुरम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक ईसीजी मशीन, ईयर केयर किट, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और अन्य उपकरण खरीदे गए थे। हालांकि, खरीद के बाद से ही इन्हें बेकार हालत में छोड़ दिया गया।
इन उपकरणों के बेकार पड़े रहने का कारण यह था कि अस्पताल में इसकी जरूरत नहीं थी। ऐसे ही एक एक्स-रे मशीन लगभग 30 वर्षों तक बेकार पड़ी रही क्योंकि एक्स-रे रूम में रेडिएशन सेफ्टी के कोई उपाय नहीं किए जा सके। कई अस्पतालों में उपकरणों के बेकार पड़े होने की एक वजह जगह की कमी भी बताई गई।