आयुष्मान आरोग्य केंद्रों की संख्या 1.72 लाख तक पहुंच गई है। (Photo: IANS)
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नई दिल्लीः बुधवार, 22 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को अगले पांच वर्षों तक जारी रखने की मंजूरी दी। कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मिशन ने ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किए हैं।
पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि 2021 और 2022 के बीच लगभग 12 लाख स्वास्थ्यकर्मियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यभार संभाला और भारत ने इसी मिशन के तहत COVID-19 महामारी का सामना किया।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक्स पोस्ट में बताया कि प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की 2021-2024 के बीच हुई प्रगति की जानकारी दी गई। इस दौरान एनएचएम के तहत 12 लाख से अधिक अतिरिक्त स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की गई, जिससे देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती मिली।
गडकरी ने पोस्ट में लिखा कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, पूरे देश में 220 करोड़ कोविड-19 टीकों की खुराक दी गई। मातृ मृत्यु दर में 83% की कमी और 5 साल से कम आयु की मृत्यु दर में 75% की कमी दर्ज की गई, जो वैश्विक औसत से बेहतर है।
केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट में आगे बताया कि आयुष्मान आरोग्य केंद्रों की संख्या 1.72 लाख तक पहुंच गई, और राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत 2.61 करोड़ व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। इसके अलावा, 97.98% खसरा-रूबेला टीकाकरण कवरेज हासिल किया गया और कालाजार का उन्मूलन किया गया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन का विस्तार
एनएचएम के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन में बड़ी वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 में 2.69 लाख अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गई, जिसमें जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (GDMO), विशेषज्ञ, स्टाफ नर्स, एएनएम, आयुष डॉक्टर, और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधक शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 4.21 लाख हो गई, जिसमें 1.29 लाख सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) शामिल थे। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24: 5.23 लाख अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गई, जिसमें 1.38 लाख सीएचओ शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की प्रगति - प्रमुख आंकड़ों का सारांश
क्षेत्र | 2021-22 | 2022-23 | 2023-24 | प्रगति / उपलब्धि |
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स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति | 2.69 लाख | 4.21 लाख | 5.23 लाख | CHO की संख्या: 1.38 लाख (2023-24) |
COVID-19 टीकाकरण | 220 करोड़ खुराक (जनवरी 2021 - मार्च 2024) | - | - | COVID-19 टीकाकरण मिशन में उल्लेखनीय प्रगति। |
मातृ मृत्यु दर (MMR) | - | - | 97 प्रति लाख (2018-20) | 2014-16 की तुलना में 25% की कमी। |
शिशु मृत्यु दर (IMR) | - | - | 28 प्रति 1,000 (2020) | 2014 में 39 से घटकर 2020 में 28। |
पांच साल से कम मृत्यु दर (U5MR) | - | - | 32 प्रति 1,000 (2020) | 2014 में 45 से घटकर 2020 में 32। |
कुल प्रजनन दर (TFR) | - | - | 2.0 (2020) | 2015 में 2.3 से घटकर 2020 में 2.0। |
टीबी उन्मूलन | 237 प्रति लाख आबादी (2015) | - | 195 प्रति लाख आबादी (2023) | 28 से घटकर 22 प्रति लाख मृत्यु दर। |
मलेरिया मामलों में कमी | 13.28% की कमी | 32.92% वृद्धि | 8.34% वृद्धि | 2023 में मलेरिया मौतों में 7.77% की कमी। |
कालाजार उन्मूलन | - | - | 100% लक्ष्य प्राप्त | सभी प्रभावित क्षेत्रों में 10,000 की जनसंख्या पर 1 से कम मामले। |
मीज़ल्स-रुबेला टीकाकरण | - | - | 97.98% कवरेज | 34.77 करोड़ बच्चों का टीकाकरण। |
प्रधानमंत्री TB मुक्त भारत अभियान | - | 1.56 लाख निक्षय मित्र | 9.40 लाख मरीजों का समर्थन | TB उन्मूलन के लिए सामुदायिक भागीदारी। |
सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग | - | - | 2.61 करोड़ व्यक्तियों की स्क्रीनिंग | 2047 तक उन्मूलन का लक्ष्य। |
U-WIN प्लेटफ़ॉर्म | - | - | 65 जिलों में विस्तारित | डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से टीकाकरण ट्रैकिंग। |
राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन (NQAS) | - | - | 7,998 सुविधाओं को प्रमाणित | 4,200+ को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता। |
आयुष्मान आरोग्य केंद्र (AAM) | - | - | 1,72,148 केंद्र संचालित | 12 प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध। |
मौजूदा स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन | 24x7 PHCs: - | - | 12,348 | FRUs: 3,133, और 1,424 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स सक्रिय। |