ईडी की कार्रवाई के दबाव में व्यवसायी दंपति ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप

मनोज परमार पर रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत लिए गए ऋण का दुरुपयोग करने का आरोप था।

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Businessman couple commits suicide under pressure from ED action allegations made in suicide note

प्रतीकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

भोपाल: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी-ED) की जांच के दायरे में आए व्यवसायी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा शुक्रवार सुबह मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में अपने घर पर मृत पाए गए। यह घटना उस समय सामने आई जब उनका बड़ा बेटा सुबह उन्हें जगाने गया। पुलिस ने बताया कि दंपति ने आत्महत्या कर ली है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, परमार ने पांच पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने ईडी अधिकारियों पर छापेमारी के दौरान उन पर हमला करने और मानसिक दबाव बनाने का आरोप लगाया है।

परमार में लिखा कि उनके घर पर राहुल गांधी की तस्वीर देखकर ईडी अधिकारियों ने टिप्पणी की और छापेमारी का कारण इसे बताया। अपने नोट में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कहा कि ईडी उन्हें कांग्रेस से जुड़ाव के कारण परेशान कर रहा है।

मनोज परमार पर क्या आरोप लगाया गया है

खबर में बताया गया है कि मनोज परमार पर रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत लिए गए ऋण का दुरुपयोग करने का आरोप था। उन पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रुपये के ऋण की सुविधा प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था।

सीबीआई ने दिसंबर 2017 में परमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसे रद्द करने की उनकी याचिका को सितंबर 2022 में उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
ईडी ने परमार के कई परिसरों में की थी छापामारी

खबर में यह भी बताया गया है कि हाल ही में, पांच दिसंबर को ईडी ने परमार और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच करते हुए सीहोर और इंदौर में चार परिसरों पर छापेमारी की। ईडी ने कहा कि यह तलाशी उन लोगों के ठिकानों पर की गई थी, जो बैंक धोखाधड़ी योजना में शामिल थे या लाभार्थी थे।

प्रेस नोट जारी कर ईडी ने क्या बताया है

सात दिसंबर को ईडी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि छापेमारी में कई दस्तावेज और संपत्तियों के विवरण जब्त किए गए। उन्होंने 3.5 लाख रुपये का बैंक बैलेंस फ्रीज किया और चार अचल संपत्तियों की पहचान की।

मनोज परमार के बेटे और उनके भाई ने आरोप लगाया कि ईडी ने उन पर मानसिक दबाव बनाया। परमार के परिवार ने एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इसके कारण ही उन्होंने यह कदम उठाया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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