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फतेहपुरः उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद के अवैध हिस्से को मंगलवार ढहा दिया गया। यह कार्रवाई हाईवे चौड़ीकरण परियोजना के तहत की गई। एडीएम अविनाश त्रिपाठी और एएसपी विजयशंकर मिश्र की मौजूदगी में बुलडोजर चलाया गया। मौके पर सुरक्षा के लिए पीएसी और आरएएफ के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। 500 मीटर एरिय को सील कर दिया गया था। इसके साथ ही 25000 लोगों को हाउस अरेस्ट कर दिया और ड्रोन से निगरानी की गई।
अतिक्रमण के खिलाफ नोटिस और कार्रवाई
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 24 सितंबर 2024 को ललौली कस्बे में स्थित सदर बाजार की इस ऐतिहासिक मस्जिद कमेटी को नोटिस जारी किया था। सर्वेक्षण में पाया गया कि मस्जिद का पिछला हिस्सा, 133 घर, और दुकानें अतिक्रमण के दायरे में हैं। मस्जिद कमेटी ने अतिक्रमण हटाने के लिए एक महीने का समय मांगा, लेकिन समय सीमा के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई।
Uttar Pradesh: In Fatehpur district's Lalouli, a bulldozer was used at Nuri Jama Masjid to remove encroachments. The administration has restricted movement in the area, and a heavy police presence, including ASP and SDM, is on-site pic.twitter.com/m6qxBBJMns
— IANS (@ians_india) December 10, 2024
मस्जिद कमेटी का क्या कहना है?
नूरी जामा मस्जिद कमेटी के सचिव सैय्यद नूरी ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित रिट याचिका के बावजूद की गई। उन्होंने बताया कि मस्जिद को अतिक्रमण के दायरे में लाने के फैसले के खिलाफ दायर रिट पर 13 दिसंबर को सुनवाई होनी थी। उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई को कोर्ट की अवमानना करार दिया।
रिपोर्टों के अनुसार 180 साल पुरानी इस मस्जिद का हिस्सा बांदा-हमीरपुर हाईवे चौड़ीकरण योजना के तहत हटाया गया। पीडब्ल्यूडी ने मस्जिद के 150 वर्ग फीट क्षेत्र को अतिक्रमण बताते हुए नोटिस दिया था। लेकिन मस्जिद कमेटी स्टे को लेकर होईकोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने 13 दिसंबर तक सुनवाई स्थगित कर दी।
इससे पहले, कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने गंगागंज पनकी और शताब्दी नगर में 27 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया। पेड़ों की कटाई भी वन विभाग की मंजूरी के बाद की गई। कुछ स्थानीय लोगों ने जमीन पर स्वामित्व का दावा करते हुए विरोध किया, लेकिन केडीए ने दोबारा अतिक्रमण करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।