नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि लखनऊ में कुकरैल रिवर फ्रंट विकास के लिए जिन घरों को पहले चिन्हित किया गया था अब उन में से किसी को भी तोड़ा नहीं जाएगा।
पिछले हफ्ते सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इलाके के लगभग एक हजार घरों का सर्वे किया था और उन्हें अवैध करार देते हुए लाल रंग से चिंहित किया गया था।
लखनऊ के पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर एवं रहीमनगर आदि क्षेत्रों में यह सर्वे किया गया था। इस परियोजना के लिए इन घरों को गिराने की योजना बनाई गई थी जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
सर्वे के दौरान स्थानीयों ने आक्रोश का माहौल था। बता दें कि कुकरैल नदी को संवारने की योजना के तहत सर्वे किया गया था। नदी के दोनों ओर 50 मीटर के दायरे में आने वाले सभी मकानों को तोड़े जाने के लिए सर्वे किया गया था।
प्रभावित परिवारों का क्या कहना था
जिन लोगों के घरों को गिराने के लिए निशान लगाए गए थे उनका कहना था कि जब कॉलिनी बनी थी तब अधिकारी मौन थे और अब वे इसे गिराने की बात कर रहे हैं। उनका दावा था कि उन्होंने बिजली और पानी का टैक्स भी दिया है।
विरोध का करना पड़ा है सामना
सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी सामने आए थे जिसमें इलाके के लोग विरोध प्रदर्शन करते हुए दिखाई दे रहे थे। लोगों के साथ सरकार को उसके सहयोगियों और भाजपा के कार्यकर्ताओं की ओर से भी विरोध का सामना करना पड़ा था।
लोगों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता-सीएम
विरोध के बीच सीएम ने यह फैसला लिया है और अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगा दी है। प्रभावित परिवारों और सीएम योगी के बीच हुई मुलाकात के बाद यह रोक लगाई गई है। यही नहीं सीएम ने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।
अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
सीएम योगी ने यह भी कहा है कि जिस तरीके से सर्वे और घरों को चिंहित करने के दौरान ध्वस्तीकरण का नैरेटिव सेट किया गया था उससे लोगों में भ्रम और डर का माहौल पैदा हुआ था। उन्होंने कहा है कि इस तरह की नैरेटिव सेट करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएम ने क्या कहा है
मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे प्रभावित परिवारों के भय और भ्रम का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थनगर, वहां निवासरत लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh: Delegates met UP CM Yogi Adityanath regarding action being taken on houses located on the banks of the Kukrail River in Pant Nagar, Khurram Nagar and Akbar Nagar. pic.twitter.com/q5dJXDgy0H
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 16, 2024
संबंधित प्रकरण में एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। फ्लड प्लेन जोन में निजी भूमि भी सम्मिलित है। लेकिन, निजी भूमि को खाली कराने की ना तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और ना ही कोई प्रस्ताव है।
मुआवजा देकर ही किया जाएगा अधिग्रहण-सीएम
निजी भूमियों में बने निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है। प्रभावित परिवारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में यदि कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है, जिसका प्रमाणित स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति का है, उसे नियमानुसार समुचित मुआवजा देकर ही अधिग्रहित किया जाएगा।
सीएम ने अधिकारियों को क्या कहा है
सीएम ने कहा कि फ्लड प्लेन जोन चिन्हांकन के दौरान भवन निर्माणों पर लगाए गए संकेतों से आम जन में भय और भ्रम फैला है, इसका कोई औचित्य नहीं था और इसके लिए जवाबदेही तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने उक्त क्षेत्र में साफ-सफाई व जनसुविधाओं के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तत्काल क्षेत्र में विजिट करें, लोगों से मिलें। उनका भय और भ्रम दूर किया जाए।
सरकार के फैसले पर लोगों ने मनाई है खुशी
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद परिवारों ने उनके प्रति आभार जताया और ‘योगी हैं तो यकीन है’ के नारे भी लगाए हैं। यही नहीं लोगों ने खुशी के मारे पटाखे जलाए हैं और जमकर सीएम योगी के समर्थन में नारेबाजी भी की है।
मुद्दे को लेकर निषाद पार्टी ने क्या कहा था
इससे पहले यूपी में भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी ने इलाके के घरों को गिराने और उस पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर चिंता जताई थी। सीएम के इस घोषणा से एक दिन पहले निषाद पार्टी के नेता और मंत्री संजय निषाद ने कहा था बुलडोजर का इस्तेमाल केवल अपराधियों के खिलाफ किया जाना चाहिए न कि इसे जनता के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहिए।
संजय ने यह भी कहा था कि उचित पंजीकरण और कागजात के साथ जो लोग अपने घरों में रह रहे हैं, उन पर बुलडोजर चलाना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सरकार गरीबों पर बुलडोजर चलाएगी तो जनता सरकार पर बुलडोजर चला देगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा को केवल उसके सहयोगियों से ही नहीं बल्कि पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा भी इसे लेकर विरोध देखने को मिला था। दावा है कि पिछले कई दिनों से चल रहे विवाद और सहयोगियों और पार्टी के कार्यकर्ताओं के कथित दबाव के कारण सीएम योगी ने यह फैसला लिया है।
क्या है कुकरैल रिवर फ्रंट विकास योजना
बता दें कि कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त एवं पुनर्जीवित करने के संबंध में सिंचाई विभाग द्वारा विगत दिनों एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया था।
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की अधिसूचना-2016 के क्रम में उक्त कार्यवाही की जा रही है। कुकरैल नदी के दो प्लेन चिन्हित किए गए हैं। पहला, नदी तल और दूसरा फ्लड प्लेन जोन। रिवर बेड लगभग 35 मीटर चौड़ाई तथा फ्लड प्लेन जोन नदी किनारे से 50 मीटर तक सिंचाई विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ