नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करते हुए किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा। साथ ही बिहार में मखान बोर्ड बनाने की भी बात कही गई। किसानों के लिए 'धनधान्य योजना' का भी वित्त मंत्री ने ऐलान किया है।
इसके अलावा देश को अगले 6 साल में दाल के मामले में आत्मनिर्भर करने के लिए मिशन शुरू करने की बात कही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की, 'सरकार अब 'तुवर, उड़द और मसूर दाल' पर विशेष ध्यान देने के साथ दालों में आत्मानिर्भरता के लिए 6 साल का मिशन लॉन्च करेगी। उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन भी लॉन्च किया जाएगा।'
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा, 'खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार राष्ट्रीय तेल मिशन को चला रही है। 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास किए थे और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है। अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है। इसका विवरण दिया गया है। केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान सभी दलहन खरीदी जाएंगी।'
'आम लोगों की खर्च क्षमता बढ़ाने वाला है ये बजट'
बजट भाषण की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट आम आदमी की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने वाला होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बजट का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर को बढ़ाना, समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाना, घरेलू भावना को ऊपर उठाना और बढ़ते हुए मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2025 में गरीब, युवा, अन्नदाता और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 10 व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया हैं। कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात विकास के इंजन हैं।"
कल आया था आर्थिक सर्वेक्षण
इससे पहले वित्त मंत्री द्वारा द्वारा शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया गया। सर्वेक्षण में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की जीडीपी 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, महंगाई नियंत्रण में है। वित्त वर्ष 25 के अप्रैल- दिसंबर की अवधि में औसत महंगाई कम होकर 4.9 हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 24 में 5.4 प्रतिशत थी।
सर्वेक्षण में कहा गया कि महंगाई को स्थिर करने में सरकार के सक्रिय नीतिगत हस्तक्षेप महत्वपूर्ण रहे हैं। इन उपायों में आवश्यक खाद्य पदार्थों के लिए बफर स्टॉक को मजबूत करना, समय-समय पर खुले बाजार में सामान जारी करना और आपूर्ति की कमी के दौरान आयात को आसान बनाने के प्रयास शामिल हैं।
चुनौतियों के बावजूद भारत में महंगाई प्रबंधन के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि भारत की खुदरा महंगाई धीरे-धीरे वित्त वर्ष 2026 में लगभग 4 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हो जाएगी।
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