नई दिल्ली: साल 2025-26 के बजट के तहत केंद्र ने कई सरकारी योजनाओं के लिए धन आवंटित कर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करने का भी लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार खासकर मत्स्य पालन, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे क्षेत्रों से 21 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य बना रही है।

यह आंकड़ा पिछले साल जुलाई में पेश बजट के तहत कुछ सेक्टर में रोजगार लक्ष्य से 20 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं के लिए प्रधानमंत्री इंटर्नशीप योजना की घोषणा की थी। इसे रोजगार सृजन के लिए दीर्घकालिक प्रयास के रूप में देखा गया था। 

कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय पीएम इंटर्नशिप योजना का एक पायलट प्रोजेक्ट लागू किये हुए है, जिसका लक्ष्य 2024-25 में शीर्ष कंपनियों में युवाओं को 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान करना है। इसके लिए 840 करोड़ का बजट स्वीकृत किया जा चुका है। अब तक (दिसंबर-2024 तक) कंपनियों द्वारा 1.27 लाख इंटर्नशिप के अवसर भी पोस्ट किए जा चुके हैं। जबकि करीब 6.21 लाख आवेदन आए हैं। 

वहीं, पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि महिलाओं और एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों सहित 61 लाख से अधिक कारीगरों को पांच साल में स्वरोजगार प्राप्त होगा। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों की सहायता के लिए शुरू की गई है। इसकी शुरुआत 2023 में की गई थी।

इस साल के बजट में रोजगार सृजन के लक्ष्य

आउटकम बजट डॉक्यूमेंट के अनुसार इस साल प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत अधिकतम रोजगार पैदा करने का लक्ष्य है। इसके तहत 11 लाख लोगों को काम देने का लक्ष्य है। इस योजना के जरिए इतने ही रोजगार सृजन का लक्ष्य पिछले साल यानी 2024-25 में भी था।

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) है, जिसमें 5.8 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है। अगस्त 2008 में शुरू की गई यह योजना एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना है। इसका संचालन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र पर जोर

इसके अलावा पूर्वोत्तर में इंडस्ट्रियल इको सिस्टम में सुधार लाने के लिए सरकार ने इस क्षेत्र में 25 औद्योगिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य भी रखा है। सरकार का लक्ष्य इन कदमों से 1.2 लाख जॉब के अवसर पैदा करने का है। 

वित्त मंत्री निर्मला ने अपने बजट भाषण में यह भी कहा कि UDAN स्कीम को संशोधित करके लागू किया जाएगा। इसका लक्ष्य 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने और अगले 10 वर्षों में 4 करोड़ यात्रियों को ढोने में सक्षम बनाना है। इस योजना के तहत पहाड़ी, सहित पूर्वोत्तर क्षेत्रों के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों को तैयार करना शामिल है।

पीएलआई स्कीम से रोजगार सृजन का लक्ष्य

कपड़ा उद्योग के लिए सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत बजट में लक्ष्य रखा गया है कि 35,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। 

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2021 में अधिसूचित पीएलआई योजना के तहत शुरू में 7.5 लाख नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, कैबिनेट ने सिर्फ 2.5 लाख नौकरी लक्ष्य को मंजूरी दी। इसके बाद जून 2024 तक यानी दो वर्षों और तीन महीनों में केवल 12,607 नौकरियां पैदा हुईं।

वहीं, संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना (एम-एसआईपीएस) के तहत सरकार 30,000 नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रख रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) उद्योगों में निवेश आकर्षित करने के लिए इस योजना की घोषणा पहली बार 2012 में की गई थी।

न्यू एज सेक्टर से मामूली उम्मीद

इन सबके बीच नए युग के सेक्टर में इस साल रोजगार सृजन की मामूली उम्मीद है। सरकार के 76,000 करोड़ के इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत भारत में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने की योजना है। हालांकि, इससे अभी केवल 100 लोगों को ही रोजगार मिलने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि ताइवान की पावरचिप कंपनी की तकनीक की मदद से टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा तैयार किया जा रहा प्लांट गुजरात में निर्माणाधीन है।  कम से कम अगले साल तक यहां से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, गौर करने वाली बात है कि 2024-25 में इससे नौकरियों का लक्ष्य 300 रखा गया था।

चिप असेंबली प्लांट स्थापित करने की योजना के तहत 2025-26 में 1,200 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। यह लक्ष्य पिछले वर्ष 1400 था। इन प्लांट को स्थापित करने के लिए माइक्रोन, सीजी पावर, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और कायन्स टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियों को मंजूरी दी गई है। अभी ये सभी प्लांट भी अभी निर्माणाधीन हैं।