पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन (फोटो- IANS)
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार सुबह कोलकाता स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। भट्टाचार्य ने नवंबर 2000 से मई 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वर्तमान में वे दक्षिण कोलकाता के बल्लीगंज इलाके में दो कमरे के एक छोटे से सरकारी अपार्टमेंट में रहते थे।
बुद्धदेव भट्टाचार्य क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (chronic obstructive pulmonary) से पीड़ित थे। उन्हें आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर 2019 में घर से बाहर देखा गया था जब वह सीपीआई (एम) की रैली में शामिल होने के लिए निकले थे। हालांकि, धूल से एलर्जी के कारण वे इसमें शामिल नहीं हो सके और घर लौट आए।
इसी साल 2024 के चुनावों के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर भट्टाचार्य का एक वीडियो साझा किया था, जिसमें वे मतदाताओं से चुनाव में वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को वोट देने का आग्रह करते नजर आए थे।
भट्टाचार्य का एआई अवतार तब संदेशखाली से लेकर बेरोजगारी और पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के आरोपों जैसे मुद्दों पर बात करता नजर आया था। राज्य में सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर भी हमला बोला गया। वीडियो में नोटबंदी, चुनावी बॉन्ड और महंगाई को लेकर भाजपा शासित केंद्र पर भी निशाना साधा गया था।
पूर्व सीएम के निधन की जानकारी देते हुए सीपीआई (एम) के पश्चिम बंगाल राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि उन्होंने अपना शरीर चिकित्सा विज्ञान के लिए दान कर दिया है। शरीर के अंगों को अंतिम सम्मान के बाद अस्पताल को सौंप दिया जाएगा।
ज्योति बसु के उत्तराधिकारी...फक्कड़ स्वभाव
बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च, 1944 को हुआ था। मुख्यमंत्री बनने से पहले वे 1999 से 2000 तक वे बंगाल के डिप्टी सीएम भी रहे। कोलकाता के नामी प्रेसीडेंसी कॉलेज से बंगाली साहित्य की पढ़ाई करने वाले भट्टाचार्य ने बंगाली (ऑनर्स) में बीए किया था। इसी दौरान वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPIM) से जुड़े। बुद्धदेव भट्टाचार्य के बारे में कहा जाता है कि जह वे प्रदेश सरकार में मंत्री हुआ करते थे, उस समय वे अपना वेतन पार्टी फंड में दिया करते थे। पार्टी ही उन्हें परिवार का खर्चा चलाने के लिए पैसे देती थी।
भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के ज्योति बसु के बाद दूसरे और आखिर मुख्यमंत्री थे। भट्टाचार्य 2011 का विधानसभा चुनाव ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस से हार गए और राज्य में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे का 34 साल लंबा शासन भी इसी के साथ खत्म हो गया। भट्टाचार्य ने 2015 में सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति से इस्तीफा दे दिया और 2018 में पार्टी के राज्य सचिवालय की सदस्यता छोड़ दी थी।
ममता बनर्जी और भाजपा ने क्या कहा?
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भट्टाचार्य के निधन पर शोक व्यक्त किया है और घोषणा की कि राज्य सरकार उनकी अंतिम यात्रा और संस्कार के दौरान पूरा सम्मान और औपचारिक सम्मान देगी। ममता ने एक्स पर लिखा, 'पूर्व मुख्यमंत्री श्री बुद्धदेव भट्टाचार्जी के आकस्मिक निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। मैं उन्हें पिछले कई दशकों से जानती हूं, और जब वह बीमार थे और प्रभावी रूप से घर पर ही सीमित थे, तब मैंने उनसे कई बार मुलाकात की थी।'
सीएम ने आगे लिखा, 'दुख की इस घड़ी में मीरादी और सुचेतन के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं सीपीआई (एम) पार्टी के सदस्यों और उनके सभी फॉलोअर्स के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। हमने पहले ही निर्णय ले लिया है कि हम उन्हें पूरा सम्मान और औपचारिक सम्मान देंगे।'
दूसरी ओर राज्य भाजपा अध्यक्ष और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी कहा कि वह इस खबर से गहरा दुख हुआ हैं और वे भट्टाचार्य के परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं।