लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने बुधवार को कड़ा कदम उठाते हुए पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. अशोक सिद्धार्थ और केंद्रीय-राज्य समन्वयक नितिन सिंह को निष्कासित कर दिया। इन दोनों नेताओं पर पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा देने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप लगे थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कार्रवाई से पहले मायावती ने इन दोनों नेताओं को चेतावनी दी थी, लेकिन उनके रवैये में कोई बदलाव नहीं दिखा। इसके बाद बुधवार को उन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी से बाहर कर दिया गया।
मायावती ने इसकी जानकारी अपने एक्स पोस्ट में भी दी। उन्होंने लिखा- बीएसपी की ओर से खासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व श्री नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
— Mayawati (@Mayawati) February 12, 2025
अशोक सिद्धार्थ: मायावती के करीबी, आकाश आनंद के ससुर
अशोक सिद्धार्थ मायावती के भतीजे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी आकाश आनंद के ससुर हैं। वह मायावती के बेहद करीबी माने जाते थे और पार्टी के लिए दक्षिणी राज्यों समेत कई क्षेत्रों में काम कर चुके हैं। ऐसे में उनके निष्कासन को पार्टी के अंदर बड़े फेरबदल के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले के जरिए मायावती ने अप्रत्यक्ष रूप से आकाश आनंद को भी चेतावनी देने का संकेत दिया है।
मेरठ से ताल्लुक रखने वाले नितिन सिंह को भी पार्टी से निकाल दिया गया है। नितिन भी पार्टी संगठन में अहम भूमिका निभा रहे थे। उन्हें हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में आकाश आनंद के साथ तैनात किया गया था। हालांकि, बीएसपी को वहां करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पार्टी में असंतोष बढ़ने लगा था।
बीएसपी के चुनावी प्रदर्शन पर सवाल
बीएसपी का हालिया चुनावी प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली, और उसके लगभग सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। लगातार खराब प्रदर्शन से मायावती नाराज थीं और संगठन में सुधार की जरूरत महसूस कर रही थीं। अशोक सिद्धार्थ और नितिन सिंह पर निष्कासन की कार्रवाई इसी बदलाव का हिस्सा माना जा रहा है।
अशोक सिद्धार्थ का राजनीतिक सफर
अशोक सिद्धार्थ ने सरकारी नौकरी छोड़कर बीएसपी ज्वाइन की थी। वह पेशे से डॉक्टर हैं और पार्टी में पर्दे के पीछे रहकर महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते रहे हैं। मायावती ने पहले उन्हें एमएलसी बनाया, फिर 2016 में राज्यसभा सांसद बनाया गया था, जहां उन्होंने 2022 तक कार्यकाल पूरा किया। उनकी पत्नी भी बीएसपी शासन में यूपी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं।