नई दिल्ली: ब्रिटिश उच्चायोग ने शनिवार को बताया कि यूके की एक इंजीनियरिंग टीम तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।
यह टीम आपातकालीन लैंडिंग करने वाले ब्रिटेन के एफ-35बी फाइटर जेट का आकलन और उसकी मरम्मत का कार्य करेगी। इस फाइटर जेट ने 14 जून को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की थी।
ब्रिटिश हाई कमीशन की प्रवक्ता ने क्या कहा?
इस मामले में ताजा अपडेट देते हुए एक ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने बताया,"यूके की एक इंजीनियरिंग टीम तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच गई है। यह टीम ब्रिटेन के एफ-35बी फाइटर जेट का आकलन करेगी और उसकी मरम्मत करेगी। इस जेट को इमरजेंसी में यहां उतारा गया था। यूनाइटेड किंगडम ने हवाई अड्डे पर मौजूद मरम्मत और रखरखाव (एमआरओ) फैसिलिटी का उपयोग करने की पेशकश को स्वीकार कर लिया है, और अब भारतीय अधिकारियों के साथ बात करके व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा कर रहे हैं। मानक प्रक्रिया के तहत, ब्रिटिश इंजीनियरों के आने के बाद विमान को स्थानांतरित किया जाएगा। इन इंजीनियरों के पास विमान को हटाने और मरम्मत के लिए जरूरी खास उपकरण हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि यूके भारतीय अधिकारियों और एयरपोर्ट टीमों के लगातार मिल रहे सहयोग और समर्थन के लिए बहुत आभारी है।
इससे पहले ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने कहा था कि तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक ब्रिटिश एफ-35बी विमान तकनीकी खराबी आने के कारण मरम्मत के लिए रुका हुआ है। ब्रिटिश इंजीनियरिंग टीमें विशेष उपकरणों के साथ विमान को स्थानांतरित करेंगी, ताकि अन्य विमानों की नियमित मरम्मत में कम से कम बाधा हो। मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी हो जाने के बाद विमान सक्रिय सेवा में वापस आ जाएगा। सुरक्षा और सुरक्षा सावधानियों का पालन सुनिश्चित करने के लिए ग्राउंड टीमें भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं।"
एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर का है हिस्सा
बता दें कि यह उन्नत लड़ाकू विमान ब्रिटेन के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, जो वर्तमान में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात है। यह विमान भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास पूरा करने के बाद बेस पर लौट रहा था, तभी तिरुवनंतपुरम में इसकी आपातकालीन लैंडिंग हुई थी। विमान में ईंधन का स्तर बहुत कम होने की सूचना मिलने के बाद इसे हवाई अड्डे पर उतरने की आपातकालीन मंजूरी दे दी गई थी। हालांकि बाद में पता चला कि विमान में तकनीकी खराबी भी है।
यह लड़ाकू विमान अपने छोटी टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (एसटीओवीएल) की खासियत के लिए जाना जाता है, जो इसे विमान वाहक और छोटे रनवे से संचालित करने में सक्षम बनाता है।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)