कोलकाता: वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल में एक बार फिर जमकर हिंसा देखी गई है। शुक्रवार को नमाज के बाद मुर्शिदाबाद में हुई आगजनी और पत्थरबाजी के बाद शनिवार सुबह भी सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ाया गया है। पुलिस ने बताया है कि स्थिति में अभी नियंत्रण में है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने मुर्शिदाबाद जिले के जांगीपुर में हुई हिंसा के बाद की स्थिति के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं। इसमें जली हुई गाड़ियां नजर आ रही हैं। बंगाल पुलिस ने कहा कि जंगीपुर के सुती और समसेरगंज इलाकों में स्थिति अब 'नियंत्रण में' है। सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जिले के संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

इससे पहले मंगलवार को भी मुर्शिदाबाद के उमरपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। उस घटना में झड़पों के दौरान चार पुलिसकर्मियों सहित नौ लोग घायल हो गए थे। वक्फ कानून को वापस लेने की मांग को लेकर जंगीपुर में एनएच-12 को जाम करने वाले प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और दो पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। 

पुलिस ने एक बयान में कहा था, 'हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गलत सूचना फैलाने की कोशिश करने वाले अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।'

बमबाजी...पत्थरबाजी, रेलवे ट्रैक जाम किया

वक्फ कानून के खिलाफ एक समुदाय के सदस्यों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार दोपहर पश्चिम बंगाल के कम से कम दो इलाकों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के बाद शुक्रवार को मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के निमतिता और सुती में तनाव व्याप्त हो गया। निमतिता रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने घंटों तक रेलवे ट्रैक जाम किया और रेलवे की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।

बाद में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रेलवे पुलिस बल के जवानों को लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर भी फेंके, जिनमें से कुछ घायल हो गए। बाद में, इलाके में सीमा सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया।

शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले के सुती पुलिस स्टेशन के अंतर्गत साजुर क्रॉसिंग इलाके में प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिस कर्मियों पर पत्थर और देसी बम तक फेंके। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। हालांकि, ताजा जानकारी के अनुसार इलाके में तनाव बना हुआ था।

दक्षिण 24 परगना जिले के अमतला इलाके में भी इसी तरह का तनाव फैला जब वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और राष्ट्रीय राजमार्ग 117 पर काफी समय तक यातायात प्रभावित रहा। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चंपदानी में भी स्थिति कुछ ऐसी ही थी।

भाजपा ने ममता सरकार पर साधा निशाना

इन घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि राज्य में कट्टरपंथियों के एक खास समूह द्वारा विरोध प्रदर्शन के नाम पर बड़े पैमाने पर हिंसा, अराजकता फैलाई जा रही है।

उन्होंने कहा, 'ये लोग, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे भारत के संविधान के खिलाफ हैं और देश के कानून का विरोध करेंगे, अब सड़कों पर उतर आए हैं। सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को मनमाने ढंग से तोड़ा जा रहा है। सार्वजनिक सुरक्षा से समझौता किया गया है। आम लोगों को कट्टरपंथियों की इन क्रूर भीड़ की दया पर छोड़ दिया गया है।'

भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। राज्य भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, 'पश्चिम बंगाल, जो कभी श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा सुरक्षित था, अब ममता बनर्जी के नेतृत्व में यहां खून बह रहा है।' मजूमदार ने ममता को 'भारत की सबसे असफल मुख्यमंत्री' भी करार दिया।

मौजूदा हालात पर राज्यपाल का भी आया बयान

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने भी मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर और अन्य इलाकों में हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर चिंता जताई। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें कुछ लोगों द्वारा कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने की चिंताजनक खबरें मिल रही हैं।

राज्यपाल ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, 'लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सभी को है, लेकिन हिंसा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने और लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ बहुत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में संभावित तनाव की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच गोपनीय बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा कि आज भी जब कुछ इलाकों में अशांति फैली, तब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की गई। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और हालात को बिगड़ने नहीं देगी। राज्य पूरी तरह सतर्क है और हर जरूरी कदम उठाया जा रहा है।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता और पश्चिम बंगाल को शांति की जरूरत है, जो हर हाल में बहाल की जाएगी। बंगाल शांति का हकदार है और बंगाल को शांति मिलेगी, इसमें कोई शक नहीं है।