बंगाली प्रवासी मजदूरों को लेकर BJP-TMC में जुबानी जंग तेज, मालवीय बोले–तृणमूल बांग्लादेशियों से भर रही है देश

बीजेपी और टीएमसी के बीच बंगाली प्रवासी मजदूरों को लेकर तकरार बढ़ गई है। अमित मालवीय ने टीएमसी पर फर्जी दस्तावेज जारी करने का आरोप लगाया, जबकि टीएमसी ने इसे बंगाली समुदाय को बदनाम करने की साजिश बताया।

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कोलकाताः बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों को अवैध बांग्लादेशी बताकर हिरासत में लिए जाने को लेकर शुक्रवार को भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच राजनीतिक तनातनी और तेज हो गई। दोनों दलों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एक-दूसरे पर तीखे हमले किए।

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दो समाचार पत्रों की कटिंग शेयर करते हुए दावा किया कि ओडिशा में हिरासत में लिए गए 444 संदिग्ध अवैध प्रवासियों में से 335 के पास फर्जी दस्तावेज पाए गए, और ये दस्तावेज कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार द्वारा जारी किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि “टीएमसी देश को बांग्लादेशी घुसपैठियों से भर रही है, जो दूसरे राज्यों में काम करते हैं, लेकिन मतदान के समय ममता बनर्जी को वोट देने के लिए बंगाल लौटते हैं।”

मालवीय ने आगाह किया कि “हर राज्य को उन मजदूरों या कर्मचारियों को रखने से पहले सतर्क रहना चाहिए, जिनके पास बंगाल सरकार द्वारा जारी फर्जी दस्तावेज हैं। यह केवल जनसांख्यिकीय खतरा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।”

भाजपा के आरोपों पर टीएमसी ने क्या कहा?

टीएमसी ने अमित मालवीय के आरोपों को भाजपा की “गैर-जिम्मेदाराना और दुष्प्रचार की राजनीति” करार दिया। पार्टी ने जवाबी बयान में कहा, “झूठ फैलाना बंद करें। किसी पूरी भाषा-भाषी समुदाय को सिर्फ इसलिए अपराधी ठहराना बंद करें क्योंकि वे बंगाली बोलते हैं।”

टीएमसी ने कई सवाल उठाते हुए कहा, “अगर ये लोग सचमुच बांग्लादेशी थे, तो कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओडिशा सरकार ने अधिकांश मजदूरों को क्यों रिहा कर दिया? ओडिशा सरकार उनके बांग्लादेशी होने के कोई ठोस दस्तावेजी सबूत कोर्ट में क्यों नहीं रख पाई?”

पार्टी ने यह भी याद दिलाया कि पिछले साल सात बंगाली मजदूरों को गलती से बांग्लादेश भेज दिया गया था, लेकिन टीएमसी के प्रयासों से उन्हें वापस लाया गया। “यहां तक कि बीएसएफ ने भी अपनी गलती मानी थी,” टीएमसी ने लिखा।

'...तो आखिर घुसपैठ कैसे हुई?'

टीएमसी ने भाजपा पर ‘बंगाल-विरोधी मानसिकता’ रखने का आरोप लगाते हुए कहा, “आप पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों को दूसरे राज्यों में मान्यता न देने की अपील कर रहे हैं। इससे आपका ‘बांग्ला विरोधी पूर्वाग्रह’ उजागर होता है।”

पार्टी ने साफ किया कि उसे वैध रूप से अवैध घुसपैठियों पर कार्रवाई से आपत्ति नहीं है, लेकिन सवाल किया कि गृह मंत्री अमित शाह और उनके अधीन बीएसएफ ने ऐसी घुसपैठ होने कैसे दी? टीएमसी ने पूछा, “अमित शाह से पूछिए कि जब बीएसएफ उनके नियंत्रण में है, तो आखिर घुसपैठ कैसे हुई?”

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