नई दिल्ली: कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन मौके पर राहुल गांधी द्वारा भाषण के दौरान दिए बयान पर विवाद मच गया है। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने भारत के हर एक संस्थान पर कब्जा कर लिया है। इसके आगे बोलते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब बीजेपी, आरएसएस और 'इंडियन स्टेट' के खिलाफ लड़ रही है।

राहुल के इसी बयान को मुद्दा बनाते हुए भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी के इस बयान से कांग्रेस का घिनौना सच सामने आ गया है। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का सच उन्हें के नेता ने उजागर कर दिया है। राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्रियों से लेकर कई अन्य शीर्ष बीजेपी नेता भी उन्हें आड़े हाथों ले रहे हैं।

राहुल गांधी के बयान पर क्या कह रहे भाजपा नेता?

पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि उन्हें 'अपनी मानसिक स्थिरता की जांच करानी चाहिए।' जेपी नड्डा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'कांग्रेस का घिनौना सच अब और नहीं छिप सकता, यह अब उनके अपने नेता द्वारा उजागर कर दिया गया है। मैं राहुल गांधी को यह स्पष्ट रूप से कहने के लिए 'प्रशंसा' करता हूं कि देश क्या जानता है - कि वह भारतीय राज्य से लड़ रहे हैं!'

राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनके संबंध अर्बन नक्सल और गहरे राज्य से हैं जिसके माध्यम से वह विभाजन के बीज बोने और भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा, "नेता प्रतिपक्ष जिन्होंने संविधान लेकर शपथ ली थी, अब कह रहे हैं, "हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से भी लड़ रहे हैं। आप संविधान की प्रति अपने हाथ में किस लिए ले जा रहे हैं?"

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी के भाषण की एक क्लिप साझा करते हुए लिखा, "राहुल गांधी ने अब भारतीय राज्य के खिलाफ एक खुले युद्ध की घोषणा कर दी है। यह सीधे तौर पर जॉर्ज सोरोस की प्लेबुक से निकला है।"

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर आप मानते हैं कि यह सिर्फ बीजेपी या आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठन के खिलाफ है, तो समझ लीजिए कि उन्होंने हमारे देश की लगभग हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हमारी लड़ाई भारतीय राज्यों से भी है।'

राहुल गांधी ने साथ ही कहा, 'यह भारत में होने वाली मुख्य लड़ाई है। दो विचारधाराओं में टकराव है। एक हमारा विचार है संविधान का विचार और दूसरा आरएसएस का विचार है।'

भागवत के 'राम मंदिर के निर्माण से 'सच्ची आजादी' मिलने वाले बयान का भी राहुल गांधी ने जिक्र किया। गांधी ने कहा, 'मोहन भागवत में इतनी हिम्मत है कि वे हमें बता रहे हैं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने कल जो कहा वह देशद्रोह है क्योंकि अगर वे कह रहे हैं कि संविधान अमान्य है और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी तो यह देशद्रोह है। यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, हर एक भारतीय का अपमान है। और अब समय आ गया है कि हम ऐसी बकवास सुनना बंद करें।'

राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि 'आज सत्ता में बैठे लोग तिरंगे को सलाम नहीं करते हैं, राष्ट्रीय ध्वज या संविधान में विश्वास नहीं करते हैं और भारत के लिए उनका दृष्टिकोण बहुत अलग है। वे चाहते हैं कि भारत एक गुप्त समाज द्वारा नियंत्रित हो, एक व्यक्ति द्वारा चलाया जाए और हमारे देश की आवाज़ को कुचल दिया जाए।'

इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी ही भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा, 'इस कमरे में मौजूद लोगों को अपने जीवन पर व्यवस्थित हमले और हमले का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे कांग्रेस पार्टी में हैं, और वे भाजपा और आरएसएस के सामने समर्पण नहीं कर रहे हैं।'