नई दिल्लीः ग्रामीण विकास और पंचायती राज संबंधी स्थायी समिति की बैठक मंगलवार को संसद में हुई। कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। हालांकि, बैठक जल्द ही विवाद में बदल गई और भाजपा सांसदों ने बैठक से वॉकआउट किया। दरअसल, भाजपा सांसदों ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और अभिनेता प्रकाश राज की उपस्थिति पर आपत्ति जताई थी।
इस बैठक में भूमि संसाधन और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा सरकारी कार्रवाइयों पर दो मसौदा रिपोर्टों पर विचार और उन्हें अपनाना शामिल था। इसके साथ ही इसमें भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और प्रतिस्थापन अधिनियम, 2013 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार के कार्यान्वयन पर बात करनी थी। इसके लिए विभिन्न मंत्रालयों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों की गवाही शामिल थी।
मेधा पाटेकर और प्रकाश राज की उपस्थिति से हुआ तनाव
बैठक में तनाव तब हुआ जब भाजपा सदस्यों को पता चला कि इसमें मेधा पाटकर और प्रकाश राज भी शामिल हो रहे हैं। जबकि इससे पहले उन्हें सूचीबद्ध नहीं किया गया था या जानकारी नहीं दी गई थी। भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया कि सरकार की आलोचना करने के लिए जाने जाने वाले लोगों को बुलाना राजनीति से प्रेरित कदम है।
भाजपा सांसद पुरुषोत्तम रुपाला ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि मेधा पाटकर लंबे समय से राष्ट्रीय विकास पहलों खासकर गुजरात के जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं का विरोध करती रही हैं।
रूपाला ने कथित तौर पर सदस्यों से कहा, "समिति के समक्ष ऐसे मामलों पर बोलने के लिए उनके पास कोई नैतिक आधार नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि "अगर यह उनके ऊपर होता, तो गुजरात का आधा हिस्सा सूखे से ग्रस्त होता।"
चेयरमैन की आलोचना
वहीं, अन्य भाजपा सांसदों संजय जायसवाल, राजू बिस्ता और जुगल किशोर ने उनके इस विचार का समर्थन किया और चेयरमैन की आलोचना की।
हालांकि, बार-बार यह पूछे जाने के बाद भी स्पष्ट नहीं हो सका कि प्रकाश राज बैठक कक्ष के बाहर क्यों बैठे थे? सदस्यों के साथ शेयर की गई किसी भी सूची में उनका नाम नहीं था। स्थिति तब और बिगड़ी जब सदस्यों को बताया कि अध्यक्ष ने कथित तौर पर विवादस्पद या सरकार की आलोचना करने वाले लोगों को बुलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से अनुमति ली थी। हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने इस दावे का विरोध करते हुए कहा कि कोई अनुमति नहीं दी गई है।
वहीं, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद ने चेयरमैन का समर्थन करते हुए विभिन्न आवाजों को शामिल करने के फैसले का बचाव किया। इसके साथ ही भाजपा पर इसको लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
हालांकि जब भाजपा सांसद बैठक से वॉकआउट कर गए तो बैठक स्थगित कर दी गई।