नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार यूपी में भाजपा के वोटों में गिरावट दर्ज की गई है। साल 2019 में जहां भाजपा को 49.6 फीसदी वोट मिले थे इस बार ये संख्या घटकर 41.4 प्रतिशत हो गई है।

2019 और 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 75 में से 72 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था। ऐसे में इस बार उसके प्राप्त वोटों की संख्या में हजारों से लेकर 2.2 लाख वोटों की गिरावट देखी गई है।

सारे आंकड़ों को अगर मिलाएंगे तो इस बार यूपी में भाजपा को करीब 65 लाख कम वोट मिले हैं। हालांकि पूरे राज्य में भाजपा के वोटों की संख्या में इजाफा भी जरूर हुआ है।

इन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा को मिले हैं कम वोट

भाजपा को इस बार वाराणसी में कम वोट मिले हैं जहां से पीएम मोदी ने जीत हासिल की है। यही नहीं सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का संसदीय क्षेत्र लखनऊ में भी इस बार बीजेपी को कम वोट मिले हैं।

राम मंदिर के निर्माण में अहम रोल अदा करने वाली बीजेपी को फैजाबाद संसदीय क्षेत्र में भी कम वोट मिले हैं जिसके अंतरगत अयोध्या आता है। अमेठी और रायबरेली में भी भाजपा को कम वोट मिले हैं।

इन संसदीय क्षेत्रों में पड़े हैं ज्यादा वोट

2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2024 में भाजपा को गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), बरेली और कौशांबी में ज्यादा वोट मिले हैं। हालांकि इन क्षेत्रों में भी बहुत ज्यादा वोट नहीं पड़े हैं बल्कि मतों में थोड़ा इजाफा हुआ है।

भाजपा को पड़े हैं कितने वोट

पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी में कुल 8.6 करोड़ वोट पड़े थे जिसमें से बीजेपी को 4.3 करोड़ वोट मिले थे। इस बार जहां यूपी में वोटों की संख्या में इजाफा हुआ है और यहां पर 8.8 करोड़ वोट पड़े हैं, भाजपा के वोट में गिरावट देखी गई है।

2019 में भाजपा को केवल 3.6 करोड़ से कुछ ज्यादा वोट मिले हैं। भाजपा के वोटों में गिरावट इसलिए भी देखा गया है क्योंकि 2019 में जिन तीन सीटों पर भाजपा ने चुनाव लड़ा था इस बार उन तीनों सीटों (बिजनौर, बागपत और घोसी)पर भाजपा के सहयोगी ने चुनाव लड़ा है।

लोकसभा के दोनों चुनाव में भाजपा ने जिन 75 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था उसे प्रति सीट लगभग 67 हजार वोटों की औसत कमी हुई है।

प्रमुख सीटों में बीजेपी वोटों में गिरावट
सीट          2024 प्रत्याशी         2024 वोट     2019 वोट    गिरावट
मथुरा        हेमा मालिनी                5,10,064     6,71,293     1,61,229
गोरखपुर   रवि किशन                  5,85,834     7,17,122      1,31,288
अमेठी       स्मृति ईरानी                 3,72,032     4,68,514       96,482
इलाहाबाद  उज्ज्वल र. सिंह          4,03,350     4,94,454       91,104

गाजियाबाद   अतुल गर्ग                8,54,170       9,44,503       90,333
वाराणसी       नरेंद्र मोदी               6,12,970       6,74,664       61,694
सुल्तानपुर    मेनका गांधी              4,01,156         4,59,156      58,040
मेरठ           अरुण गोविल            5,46,469          5,86,165     39,696

फैजाबाद      लल्लू सिंह               4,99,722          5,29,021        29,299
लखनऊ     राजनाथ सिंह             6,12,709           6,33,026       20,317

इन सीटों पर भाजपा के वोट हुए लाखों में कम

इस बार भाजपा ने जिन 75 सीटों से चुनाव लड़ा था उसमें से 12 ऐसी सीटें हैं जिसमें उसके वोट एक लाख से कम हो गए हैं। भाजपा को यूपी के पश्चिम में मथुरा, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और फतेहपुर सेखरी और पूर्व में गोरखपुर में एक लाख से कम वोट मिले हैं।

इसबे बाद जो अन्य सीटें बची है उसमें 36 सीटों पर भाजपा को 50 हजार से एक लाख वोट कम मिले हैं। इन सीटों में मेठी, रायबरेली, इलाहाबाद, गाजियाबाद, मैनपुरी और वाराणसी भी शामिल है।

बसपा का वोट भी नहीं मिला है भाजपा को

2019 लोकसभा चुनाव में बसपा को कुल आठ सीट मिले थे लेकिन इस बार पार्टी को एक भी जीत हासिल नहीं हुई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा के आठ सीटों में से तीन पर कांग्रेस और तीन पर सपा का कब्जा हुआ है जबकि नगीना सीट को भीम आर्मी के नेता चन्द्रशेखर आजाद ने जीता है।

भाजपा के अपने वोटों में गिरावट का मतलब यह हुआ कि वह बसपा की गिरावट का फायदा नहीं उठा सकी है। इन आठ सीटों में से भाजपा ने केवल एक ही सीट, अमरोहा सीट को जीत पाई है।