नई दिल्ली: भाजपा ने किसान विरोध प्रदर्शन को लेकर पार्टी सांसद कंगना रनौत के विवादास्पद टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है और उनके बयान के लिए उन्हें फटकार भी लगाई है।

भाजपा ने स्पष्ट किया कि उनके बयान पार्टी के विचार नहीं हैं और वह पार्टी की नीति पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं। पार्टी ने उन्हें भविष्य में इस तरह के बयान न देने की हिदायत दी है।

दरअसल, इससे पहले कंगना ने एक पॉडकास्ट में यह कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता है तो उस समय यहां पर भी बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी।

पॉडकास्ट में कंगना ने यह भी दावा किया है कि आंदोलन के दौरान वहां पर शव लटक रहे थे और वहां रेप भी हो रहे थे। कंगना के इन बयानों पर कांग्रेस और अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन लोगों ने किसानों के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए कंगना की निंदा भी की है।

कंगना को लेकर भाजपा ने क्या कहा है

भाजपा ने बॉलीवुड अभिनेत्री के बयान को लेकर सोमवार को स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पार्टी कंगना रनौत के बयान से "असहमति व्यक्त करती है"। पार्टी ने नीतिगत विषयों पर उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी है और न ही वह इसके लिए अधिकृत हैं। भाजपा ने इसके साथ ही कंगना रनौत को कड़ी चेतावनी देते हुए भविष्य में इस तरह का कोई भी बयान न देने की नसीहत भी दी।

पार्टी आलाकमान के निर्देश पर भाजपा के केंद्रीय मीडिया विभाग ने कंगना रनौत के विवादास्पद बयान पर पार्टी का आधिकारिक स्टैंड जारी करते हुए कहा, "भाजपा सांसद सुश्री कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी सुश्री कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए सुश्री कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।"

इस तरह की बयानबाजी से भविष्य में बचें-भाजपा

बयान में आगे कहा गया है कि पार्टी की ओर से "सुश्री कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। भारतीय जनता पार्टी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्प है।"

कंगना ने क्या बयान दिया था

एक पॉडकास्ट के दौरान कंगना ने किसान आंदोलन और बांग्लादेश में पैदा हुई स्थिति को जोड़कर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब देश में किसान आंदोलन कर रहे थे, उस दौरान केंद्र नेतृत्व सशक्त नहीं होता तो यहां पर बांग्लादेश जैसे हालात बनने में देर नहीं लगती।

कंगना ने किसान आंदोलन पर बोलते हुए कहा है कि "यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे... ।" कंगना ने आगे कहा, "किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। इस तरह के षडयंत्र... आपको क्या लगता है किसानों...? चीन, अमेरिका... इस इस तरह की विदेशी शक्तियां यहां काम कर रही हैं।"

बता दें कि अगले महीने कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को लेकर कंगना रनौत लगातार प्रचार कर रही हैं। फिल्म को लेकर भी वह विवादों में घिरती आईं है।

विपक्ष ने साधा है निशाना

मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कंगना के बहाने से पीएम मोदी पर निशाना साधा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि, "खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरी संसद में किसानों को आंदोलनजीवी और परजीवी की अपमानजनक संज्ञा दी थी…यहां तक कि संसद में शहीद किसानों के लिए दो मिनट का मौन रखने से भी इनकार कर दिया। पीएम एमएसपी पर कमेटी और किसान की आय दोगुनी करने का झूठा वादा भी किया था।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा है कि,"जब पीएम मोदी ये सब खुद कर सकते हैं तो उनके समर्थकों से शहीद किसानों के अपमान के सिवा देश और क्या उम्मीद रख सकता है!ये शर्मनाक और घोर निंदनीय किसान-विरोधी विचारधारा मोदी सरकार का डीएनए है।"

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भी उठाया है सवाल

यही नहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीपक बाबरिया ने मंडी लोकसभा से भाजपा सांसद कंगना रनौत पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कंगना के बारे में कहा है कि वह खेल-खेल में सांसद बन गई हैं। उनका पिछला इतिहास राजनीति से दूर-दूर तक नहीं है। बयानबाजी करने से पहले थोड़ा सोचना चाहिए।

कांग्रेस के और भी बड़े और वरिष्ठ नेताओं ने कंगना के बयान का विरोध किया है। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने भाजपा से कंगना के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कंगना को बर्खास्त करने को कहा है। कांग्रेस ने कंगना के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।

जल्द ही हरियाणा में होने वाले चुनाव

हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में कंगना के ये बयान पार्टी के परफॉर्मेंस पर बुरा असर डाल सकते हैं। बता दें कि हरियाणा ही वह राज्य है जहां पर किसान आंदोलन का विरोध प्रदर्शन काफी तूल पकड़ा था।

एक तरफ जहां पार्टी चुनाव से पहले किसानों से उनके लिए वोट की अपील कर रही है वहीं दूसरी और कंगना के इस बयान से पार्टी को नुकसान भी हो सकता है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ