दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बीच ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विधान सभा चुनाव के रिजल्ट भी चौंकाने वाले रहे। दोनों राज्यों में मौजूदा सरकार को हार का बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। आंध्र प्रदेश में जहां तेलुगु देशम पार्टी 135 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत विधानसभा में हासिल करने में कामयाब रही। वही, सत्ता में रही वाईएसआर कांग्रेस को केवल 11 सीटें मिली हैं।
दूसरी ओर ओडिशा में नवीन पटनायक की दो दशक से ज्यादा समय तक रही सत्ता चली गई है। भाजपा ने 78 सीटें हासिल की है और सरकार बनाने के लिए तैयार है। ओडिशा में कुल 147 विधानसभा सीटें हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केवल 23 विधानसभा सीटें जीती थी।
वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी का इस्तीफा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा चुनाव में अपनी हार के बाद मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को बताया, ‘जगन मोहन रेड्डी ने राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर को अपना इस्तीफा भेज दिया है।’
राज्यपाल उन्हें अपने नये सीएम के शपथ लेने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कह सकते हैं। जगन मोहन रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ ही मिनट बाद अपना इस्तीफा भेज दिया। उन्होंने कहा कि नतीजे पार्टी के लिए उम्मीद के मुताबिक नहीं थे। उन्होंने हैरानी जताई कि करोड़ों लोगों को लाभ पहुंचाने वाली कई कल्याणकारी योजनाएं लागू करने के बावजूद वाईएसआर कांग्रेस को हार का सामना क्यों करना पड़ा?
हार स्वीकार करते हुए जगन मोहन रेड्डी ने साहस के साथ फिर से उठ खड़े होने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जनता के लिए लड़ाई जारी रखेगी। 175 सीटों वाली विधानसभा में टीडीपी को 135, पवन कल्याण की जनसेना को 21 और बीजेपी को 8 सीटें मिली है। वाईएसआर कांग्रेस को केवल 12 सीटों से संतोष करना पड़ा है।
(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)