बीजापुरः छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें आठ माओवादी मारे गए। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी सुबह साढ़े आठ बजे के करीब शुरू हुई। यह मुठभेड़ गंगालूर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक जंगल में हुई।
समचार एजेंसी पीटीआई ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा कि सुरक्षा बल की संयुक्त टीम माओवाद-विरोध अभियान चला रही थी। इस अभियान के दौरान दोनों पक्षों में गोलीबारी हुई जिसमें सुरक्षाबलों ने आठ माओवादियों को मार गिराया।
सुरक्षाबलों द्वारा चलाया गया था संयुक्त अभियान
यह संयुक्त अभियान जिले के रिजर्व गार्ड के कर्मी और एसटीएफ द्वारा चलाया गया था। इसमें राज्य की पुलिस के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ-साथ कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन (कोबरा) भी शामिल थी। यह अभियान शुक्रवार को मिली सूचना के आधार पर चलाया गया था जिसमें पश्चिमी बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के कैडर की उपस्थिति का पता चला था।
केंद्र सरकार ने 2026 तक नक्सलवाद मुक्त बनाने का अभियान चलाया है। गृहमंत्री अमित शाह ने छह जनवरी को फिर दोहराया था जब जिला रिजर्व गार्ड के आठ जवानों समेत ड्राइवर की जान चली गई थी।
आईईडी के इस्तेमाल से उड़ाया था वाहन
यह घटना छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई थी जब माओवादियों ने उनके वाहन में आईईडी का इस्तेमाल कर उड़ा दिया था।ब्लास्ट बीजापुर जिले के बेद्रे-कुटरु रोड पर हुआ था।
बस्तर के आईजी ने कहा कि ये जवान एक संयुक्त अभियान के बाद स्कॉर्पियो से लौट रहे थे। यह संयुक्त अभियान दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर में चलाया जा रहा था। इससे पहले साल 2023 में भी एक ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें माओवादियों ने सुरक्षा बलों के वाहन को उड़ा दिया था। इस हमले में 10 अधिकारियों समेत एक नागरिक की भी मौत हो गई थी।
बीते दिनों ऐसी ही एक और मुठभेड़ हुई थी जिसमें एक करोड़ का इनामी चलपति मारा गया था। इस साल अब तक 50 से अधिक माओवादी मारे जा चुके हैं।