बीजापुर में 50 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, 68 लाख के इनामी 13 नक्सली भी शामिल

आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को प्रोत्साहन स्वरूप 25-25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया है। यह घटनाक्रम राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही सुरक्षा और पुनर्वास योजना की सफलता को दिखाता है।

Bijapur 50 Naxalites surrender, Chhattisgarh news, naxal, 50 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, बीजापुर, छत्तीसगढ़

Photograph: (IANS)

बीजापुरः छत्तीसगढ़ के बीजापुर में रविवार को 68 लाख रुपये के इनाम की घोषणा वाले 13 नक्सलियों समेत कुल 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन और अन्य माओवादी संगठनों के सदस्य शामिल थे।  

आत्मसमर्पण करने वालों में 02 प्लाटून सदस्य, मिलिशिया सदस्य, और अन्य प्रमुख माओवादी संगठन के सदस्य थे। पुलिस अधीक्षक डॉ. जीतेन्द्र यादव और डीआईजी सीआरपीएफ देवेंद्र सिंह नेगी मीडिया कर्मियों से इसे लेकर जानकारी साझा की।

आत्मसमर्पण माओवादी संगठन से मोहभंग का संकेतः पुलिस अधीक्षक

पुलिस अधीक्षक डॉ. जीतेन्द्र यादव ने कहा कि यह आत्मसमर्पण माओवादी संगठन से मोहभंग का संकेत है। विभिन्न नक्सली समूहों के सदस्यों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है, जिनमें पीएलजीए के सदस्य, जनताना सरकार के अध्यक्ष, केएएमएस अध्यक्ष, सीएनएम सदस्य और अन्य महत्वपूर्ण नेता शामिल हैं। डॉ. यादव ने इस सफलता का श्रेय बीजापुर पुलिस, डीआरजी, सीआरपीएफ, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा बलों को दिया।

उन्होंने कहा कि इनकी लगातार बढ़ती नक्सल विरोधी कार्रवाई और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की विकास योजनाओं के प्रभाव से नक्सलियों का मनोबल टूटा है और अब वे मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं। 1 जनवरी 2024 से अब तक छत्तीसगढ़ में कुल 656 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं, 346 ने आत्मसमर्पण किया है, और 141 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए हैं। 2025 में अब तक 157 माओवादी गिरफ्तार हुए हैं और 157 ने आत्मसमर्पण किया, वहीं 83 माओवादी मुठभेड़ में मारे गए। उन्होंने अपील की कि जो माओवादी अभी भी आंदोलन में शामिल हैं, वे सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं, ताकि वे शांति से जी सकें।

'नक्सल विरोधी अभियानों ने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ने में मदद की'

डीआईजी सीआरपीएफ देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि बीजापुर पुलिस, सीआरपीएफ, डीआरजी और एसटीएफ द्वारा किए गए लगातार नक्सल विरोधी अभियानों ने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ने में मदद की है। उनके अनुसार, जैसे-जैसे माओवादी विचारधारा का मोहभंग हो रहा है और स्थानीय लोगों में सरकार की योजनाओं के प्रति विश्वास बढ़ रहा है, आत्मसमर्पण की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। नेगी ने यह भी कहा कि सरकार ने सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया है, जिससे स्थानीय लोगों का माओवादी संगठन से मोहभंग हुआ है और वे मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

नेगी ने कहा कि यह कदम सकारात्मक दिशा में उठाया गया है और यह बीजापुर जिले में शांति स्थापित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने माओवादी समूहों से अपील की कि वे आत्मसमर्पण की नीति का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अपना जीवन सुधारें। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सल विरोधी अभियान बिना रुके जारी रहेगा, चाहे वह राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र हो, इंद्रावती पार्क क्षेत्र हो या अन्य कोई भी इलाका, सुरक्षा बलों द्वारा माओवादी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।

आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को प्रोत्साहन स्वरूप 25-25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया है। यह घटनाक्रम राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही सुरक्षा और पुनर्वास योजना की सफलता को दिखाता है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article