बिहार को मिलेगा पहला परमाणु प्लांट Photograph: (आईएएनएस)
पटनाः बिहार को जल्द ही पहला परमाणु ऊर्जा प्लांट मिलेगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। खट्टर की इस घोषणा के बाद बिहार देश के उन राज्यों में शामिल हो जाएगा जिन्हों नए परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत पहला परमाणु प्लांट मिलेगा।
बिहार में अब एक छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) आधारित परमाणु संयंत्र की स्थापना की जाएगी। बिहार के लिए यह घोषणा ऐसे वक्त में हुई है जब इस साल के अंत में वहां विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए पूर्वी क्षेत्र ऊर्जा मंत्रियों से बात की गई है। इसमें बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और अंडमान और निकोबार द्वीप शामिल हैं।
मनोहर लाल खट्टर ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह पुष्टि की कि केंद्र सरकार ने बिहार में परमाणु संयंत्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा: "यदि बिहार सरकार परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करती है, तो केंद्र सरकार सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।" खट्टर ने आगे कहा कि बिहार ने औपचारिक रूप से इस सुविधा का अनुरोध किया था और केंद्र इसकी स्थापना में सहायता करेगा। इस परियोजना के विकास के आगे के चरणों में इसके लिए जगह का निर्धारण और अन्य विवरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
केंद्रीय बजट 2025-26 में परमाणु ऊर्जा मिशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की राशि आवंटित हुई थी। इस मिशन का उद्देश्य पूरे देश में स्वच्छ परमाणु ऊर्जा का विस्तार करना है। इसके साथ ही क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करना है।
स्माल मॉड्युलर रिएक्टर परमाणु तकनीक की नई पीढ़ी है जो पारंपरिक बड़े पैमानों के रिएक्टरों की तुलना में अधिक लचीला और लागत प्रभावी बनाया गया है। इन्हें छोटे ग्रिडों में लगाया जा सकता है और उन्नत डिजाइन के कारण इन्हें अधिक सुरक्षित माना जाता है।
भारत ने तैयार किया व्यापक ऊर्जा दृष्टिकोण
इस दौरान खट्टर ने यह भी कहा कि सरकार ने साल 2035 के लिए एक व्यापक ऊर्जा दृष्टिकोण तैयार किया है। इसमें तापीय, सौर, पवन, भंडारण और परमाणु ऊर्जा शामिल हैं। मिशन का उद्देश्य भारत के ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाना और उन्नत परमाणु प्रौद्योगिकी के साथ बढ़ती बिजली की मांग को संबोधित करने के लिए एक व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि बिहार जो कि ऐतिहासिक रूप से बिजली की कमी और बुनियादी ढांचे में कमी की चुनौतियों से जूझ रहा है। यह परियोजना एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। अधिकारियों का कहना है कि यह संयंत्र राज्य में अधिक बिजली प्रदान करने और औद्योगिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने में मदद कर सकता है।
केंद्र सरकार ने बिहार में परमाणु संयंत्र की स्थापना के साथ-साथ 1000 मेगावाट की बैटरी भंडारण क्षमता परियोजना को भी मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य ग्रिड स्थिरता को बढ़ाना और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण का समर्थन करना है।