बिहार में शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू, राज्य के लोगों को मिलेगी प्राथमिकता

सीएम नीतीश के इस फैसले के तहत मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय 1,650 रुपए से बढ़ाकर 3,300 रुपए प्रति माह किया गया। माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में कार्यरत रात्रि प्रहरियों का मानदेय 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति माह किया गया।

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नीतीश कुमार। Photograph: (ग्रोक)

पटनाः बिहार सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में दो बड़े फैसले लिए हैं। राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए अब डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी, जिसके तहत बिहार के निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के जरिए खुद इस बात की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह नीति टीआरई-4 (शिक्षक भर्ती परीक्षा-4) से ही लागू होगी, जो 2025 में आयोजित की जाएगी। इसके बाद 2026 में टीआरई-5 का भी आयोजन होगा, जिसके लिए पहले एसटीईटी (राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा) आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में सरकार बनने के बाद से ही उनकी सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है और बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।

शिक्षक भर्ती के इस अहम फैसले से पहले, मुख्यमंत्री ने 1 अगस्त को शिक्षा विभाग के तहत कार्यरत अन्य कर्मचारियों के मानदेय में भी बड़ी वृद्धि की घोषणा की थी। मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों के साथ-साथ रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों के मानदेय को दोगुना कर दिया गया है।

इस घोषणा के तहत, मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय ₹1,650 से बढ़ाकर ₹3,300 प्रति माह, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में कार्यरत रात्रि प्रहरियों का मानदेय ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 प्रति माह, और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय ₹8,000 से बढ़ाकर अब ₹16,000 प्रति माह किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कर्मचारियों ने शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। यह दोनों फैसले शिक्षा क्षेत्र में सुधार और कर्मियों के सम्मान को सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार के प्रयासों को दर्शाते हैं।

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