SIR मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के बहिष्कार के दिए संकेत, कहा- हम देखेंगे जनता की क्या राय है

SIR पर तेजस्वी यादव ने कहा कि “बीजेपी के एक कार्यकर्ता के पते पर 70 फर्जी वोट बने हैं। यह चुनावी धांधली का साफ सबूत है। चंडीगढ़ में भी वोट चोरी हुई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया। ऐसे में चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत से लोकतंत्र को दबाया जा रहा है।”

tejaswi yadav bihar, बिहार इलेक्शन कमीशन, बिहार चुनाव, तेजस्वी यादव, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)

Photograph: (IANS)

पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विवाद जारी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को संकेत दिए कि यदि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में की जा रही अनियमितताओं को नहीं रोका, तो महागठबंधन आगामी चुनावों का बहिष्कार करने पर विचार कर सकता है।

आईएएनएस से बातचीत में तेजस्वी ने कहा, "यह मुद्दा चर्चा के लिए खुला है। हम देखेंगे कि जनता की क्या राय है और सभी सहयोगी दल क्या सोचते हैं। वोटर के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के नाम पर अगर सत्ता पक्ष खुलकर बेईमानी पर उतर जाती है, तो उससे बढ़िया चुनाव ही नहीं होगा। हम इस पर सोचेंगे कि क्या होगा।"

यह खुलकर बेईमानी और लोकतंत्र की हत्या हैः तेजस्वी यादव

तेजस्वी ने आगे कहा कि अगर चुनाव बीजेपी द्वारा तय मतदाता सूची पर होगा, तो उसका क्या मतलब? आयोग मौजूदा सरकार का कार्यकाल ही बढ़ा दे। यह खुलकर बेईमानी और लोकतंत्र की हत्या है। तेजस्वी ने राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने लोकसभा में महाराष्ट्र और कर्नाटक में वोट चोरी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि “बीजेपी के एक कार्यकर्ता के पते पर 70 फर्जी वोट बने हैं। यह चुनावी धांधली का साफ सबूत है। चंडीगढ़ में भी वोट चोरी हुई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया। ऐसे में चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत से लोकतंत्र को दबाया जा रहा है।”

तेजस्वी ने आईएएनएस से कहा कि यदि वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया गया, तो व्यक्ति नागरिक नहीं रहेगा। राजद नेता ने कहा, “हम जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन जब हमारे मतदाता ही नहीं बचेंगे तो हमारा क्या काम? संविधान कहता है कि 18 साल से ऊपर का हर नागरिक वोट देने का अधिकारी है। अगर उसके नाम को सूची से हटाकर उसे अप्रासंगिक बना दिया गया, तो यह लोकतंत्र का अंत है।”

विधानसभा में नीतीश और तेजस्वी में हुई नोकझोंक

nitish kumar s

बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर बहस हुई। विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर गरमाए मुद्दे पर तीखी नोकझोंक के चलते सदन की कार्यवाही मात्र 30 मिनट में स्थगित करनी पड़ी। स्पीकर नंदकिशोर यादव ने सदस्यों की "अशोभनीय भाषा और अव्यवस्थित आचरण" पर नाराजगी जताई।

विधानसभा में तेजस्वी यादव ने काले कपड़े पहनकर अपना विरोध दर्ज कराया और कहा, "हम SIR के विरोध में नहीं हैं, लेकिन जिस तरीके से चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को लागू कर रहा है, वह पूरी तरह से आपत्तिजनक है। चुनाव सिर पर हैं और ऐसे समय में यह कवायद क्यों? इसे कुछ महीने पहले भी किया जा सकता था।"

तेजस्वी यादव ने आयोग द्वारा मांगे जा रहे दस्तावेजों पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल 2-3% लोगों के पास ही वो कागजात होंगे जो चुनाव आयोग मांग रहा है। उन्होंने पूछा, "क्या आयोग यह कहना चाहता है कि फर्जी वोटरों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया?"

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के 4.5 करोड़ प्रवासी मतदाताओं की स्थिति चिंताजनक है। यदि वे पते पर नहीं मिलते, तो चुनाव आयोग उन्हें सूची से हटाने की धमकी दे रहा है।

नीतीश कुमार ने तेजस्वी को कहा- तुम बच्चा हो, कुछ नहीं जानते

तेजस्वी के भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, "तुम बच्चा हो, कुछ नहीं जानते। इस सत्र के सिर्फ तीन दिन बचे हैं, काम करने दो। जो बकवास बोलना है, वो चुनाव में बोलना।"

इसके बाद नीतीश ने राजद शासनकाल पर हमला बोलते हुए कहा, "जब इसके माता-पिता मुख्यमंत्री थे, तब इन्होंने महिलाओं, मुसलमानों या किसी वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। केवल इसकी मां को ही कुछ मिला।"

इस बयान से सदन में हंगामा मच गया। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र की असंसदीय टिप्पणी और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के जोरदार विरोध पर स्पीकर ने दोनों पक्षों को फटकार लगाई और सदन को लंच तक के लिए स्थगित कर दिया।

सदन में हंगामे के बाद तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, "55 लाख लोगों को उनके पते पर नहीं पाया गया है, तो उनका क्या होगा?" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम इसलिए भड़के क्योंकि उन्होंने ‘बांग्लादेशी वोटरों’ की झूठी कहानी का पर्दाफाश कर दिया।

जब दोबारा विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्षी दलों ने वेल में आकर नारेबाजी की, पोस्टर लहराए और बाद में वॉकआउट कर दिया। तेजस्वी यादव ने सत्तापक्ष पर वास्तविक मुद्दों से भागने का आरोप लगाया।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article