पटनाः बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अंतिम चरण में चल रहा है। आयोग ने बताया है कि राज्य में 18.66 लाख यानी 2.36% मृत लोग अभी भी मतदाता सूची में दर्ज हैं, जबकि कुल 52.30 लाख मतदाता ऐसे हैं जो या तो मृत हैं, स्थानांतरित हो चुके हैं, दो जगह पंजीकृत हैं या जिनका कोई पता नहीं चल पा रहा।
चुनाव आयोग के अनुसार, 24 जून 2025 तक बिहार में 7.90 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें से 7.16 करोड़ मतदाताओं से एन्युमरेशन फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, और इनमें से 7.13 करोड़ फॉर्म डिजिटल स्वरूप में अपलोड किए गए हैं।
18,66,869 मृत वोटर पाए गए
बिहार में अब तक 7,89,69,844 मतदाताओं में से 7,16,04,102 यानी 90.67 प्रतिशत गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं। डिजिटल गणना प्रपत्रों की संख्या 7,13,65,460 यानी 90.37 प्रतिशत है। जहां अब तक 52,30,126 यानी 6.62 प्रतिशत निर्वाचक अपने पते पर अनुपस्थित पाए गए तो वहीं 18,66,869 यानी 2.36 प्रतिशत मृत वोटर पाए गए। अब तक स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की संख्या 26,01,031 यानी 3.29 प्रतिशत है। एक से अधिक स्थानों पर नामांकित मतदाता 7,50,742 यानी 0.95 प्रतिशत हैं, जबकि अप्राप्त वोटर (जिन निर्वाचकों का पता नहीं चल पा रहा है) 11,484 यानी 0.01 प्रतिशत हैं। कुल सम्मिलित निर्वाचक 7,68,34,228 यानी 97.30 प्रतिशत हैं। अब सिर्फ 21,35,616 यानी 2.70 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र प्राप्त होने शेष हैं।
#Facts revealed from #BiharSIR so far
— Election Commission of India (@ECISVEEP) July 22, 2025
✅ 18 lakh deceased electors reported
✅ 26 lakh electors shifted to different constituencies, and
✅ 7 lakh electors enrolled at two places
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भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, बिहार में चल रहे एसआईआर में यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं कि सभी पात्र मतदाताओं को 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली ड्रॉफ्ट मतदाता सूची में शामिल किया जाए। राज्य में सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नियुक्त लगभग 1 लाख बीएलओ, 4 लाख वालंटियर्स और 1.5 लाख बीएलए समेत पूरी चुनाव मशीनरी उन मतदाताओं को ढूंढने के लिए मिलकर काम कर रही है, जिन्होंने अभी तक अपने गणना फॉर्म (ईएफ) जमा नहीं किए हैं या जो अपने पते पर नहीं पाए गए हैं।
52.30 लाख संदिग्ध मतदाता
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी, निर्वाचन अधिकारी और बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं और उन 21.36 लाख मतदाताओं की विस्तृत लिस्ट साझा की है, जिनके फॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं, तथा लगभग 52.30 लाख ऐसे मतदाताओं की भी लिस्ट शेयर की है, जिनकी कथित तौर पर मृत्यु हो चुकी है या जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या जो एक से अधिक स्थानों पर नामांकित हैं। 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक आम जनता में से कोई भी व्यक्ति ड्राफ्ट मतदाता सूची में कोई भी नाम जोड़ने, हटाने या सुधार करने के लिए आपत्तियां दर्ज करा सकता है।
इस बीच रिपोर्टों के अनुसार, बिहार के कुछ राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नेता कथित तौर पर मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, डुप्लिकेट और ऐसे मतदाताओं को मसौदा मतदाता सूची में शामिल रखने का दबाव बना रहे हैं, जो अनुपलब्ध हैं – जबकि चल रहे पुनरीक्षण से मिले आंकड़े उनकी अपात्रता दर्शाते हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट के साथ