पटना: लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव फिर विवादों में हैं। बिहार पुलिस ने रंगदारी मांगने के एक मामले में शुक्रवार को उनके घर पर छापा मारा। इसके बाद से पटना पुलिस और एसटीएफ ने कई और जगहों और बिहार के बाहर भी रीतलाल की गिरफ्तारी के लिए छापे मारे हैं लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है।
रीतलाल पटना जिले के दानापुर इलाके में एक बाहुबली की छवि रखते हैं। पुलिस ने जिस ताजा विवाद में रीतलाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है, वह पटना के एक बिल्डर की जबरन वसूली से जुड़ा है। बिल्डर ने आरोप लगाया है कि उसे और उसके सहयोगियों को राजद विधायक ने उनके प्रोजेक्ट से 'हिस्सा' देने की धमकी दी थी।
पुलिस ने मामले की जांच के तहत रीतलाल और उसके सहयोगियों से जुड़े दानापुर और पटना के अन्य इलाकों में पिछले हफ्ते 11 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 10 लाख रुपये से अधिक नकद, 77 लाख रुपये के चेक, छह खाली चेक, संपत्तियों की बिक्री और खरीद से संबंधित 14 डीड और 17 चेक बुक बरामद करने का दावा किया गया है।
53 साल के रीतलाल पर वर्तमान में 42 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें दानापुर, बिहटा, मनेर, खगौल और बेउर थाना क्षेत्रों में हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली, दंगा और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मामले शामिल हैं। स्थानीय अदालतों ने अब तक इनमें से 10 मामलों में संज्ञान लिया है, जिनमें दो हत्या के प्रयास के मामले और चार आर्म्स एक्ट के तहत मामले शामिल हैं। इनमें से किसी में भी रीतलाल को दोषी नहीं ठहराया गया है।
बीजेपी नेता की हत्या के भी आरोप
साल 2003 में रीतलाल पर भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था। हालांकि, 2024 में पटना एमपी और एमएलए कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया। सिन्हा की विधवा आशा सिन्हा, जो दानापुर की पूर्व विधायक भी थीं, उन्होंने निचली अदालत के फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जहां मामला लंबित है।
रंगदारी मांगने के मामले में फिलहाल पुलिस की रडार पर रीतलाल यागव के भाई पिंकू यादव भी हैं। पुलिस की विधायक सहित अन्य आरोपियों के खाते पर भी नजर है। पुलिस ने आयकर विभाग से भी मदद मांगी है। अगर ज्यादा जानकारी इस संबंध में मिलती है तो पीएमएलए के तहत भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
जदयू ने साधा राजद पर निशाना
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के लिए अपराध के बारे में बात करना फैशन बन गया है, लेकिन आश्चर्य है कि रंगदारी मांगने के आरोपों का सामना करने वाले रीतलाल यादव के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई उनकी पार्टी क्यों नहीं करती है।
नीरज कुमार ने कहा, 'नीतीश कुमार के शासन में, पुलिस ने सीवान से पूर्व राजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और यहां तक कि मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह सहित कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है।'
हालांकि, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'पहले, अदालत यह तय कर कि रीतलाल यादव हालिया रंगदारी और अन्य लंबित मामलों में आरोपी हैं या नहीं। हमें यह भी संदेह है कि राज्य सरकार हमारी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रही है क्योंकि हमारे नेता तेजस्वी प्रसाद यादव बढ़ते अपराध ग्राफ पर नीतीश कुमार सरकार को आईना दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।'
रीतलाल यादव के पास कितनी संपत्ति है?
साल 2020 के चुनावी हलफनामे के अनुसार रीतलाल के पास खेती और दूध के कारोबार से कमाई हुई एक करोड़ रुपये की संपत्ति है। एक छोटे किसान रामाशीष राय के बेटे रीतलाल को लेकर आरोप हैं कि उन्होंने दानापुर और खगौल इलाके में जमीन खरीदने वाले या बिल्डिंग बनाने वाले कई बिल्डरों और भूमि डेवलपर्स से कथित तौर पर जबरन वसूली की है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'ज्यादातर बिल्डर रीतलाल यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराते, लेकिन कई बिल्डरों ने मुखियाजी के नाम से मशहूर इस दबंह के खिलाफ पुलिस में जाने की हिम्मत की।'
12वीं तक पढ़े रीतलाल 2010 से ही चुनाव राजनीति में अपना कद बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी थी। हालांकि 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें किसी भी राजनीतिक दल से टिकट नहीं मिला, लेकिन पांच साल बाद राज्य विधान परिषद चुनाव में उन्होंने निर्दलीय के तौर पर जीत हासिल की।
बताया जाता है कि तेजस्वी यादव की ओर से रीतलाल की उम्मीदवारी पर कथित आपत्तियों के बावजूद राजद ने 2020 के चुनाव में दानापुर निर्वाचन क्षेत्र से रीतलाल को चार बार की भाजपा विधायक आशा देवी सिन्हा के खिलाफ मैदान में उतारा। इस चुनाव में रीतलाल ने 15,900 से अधिक मतों से आशा देवी को हराया।