पूर्णियाः बिहार के पूर्णिया जिले में अंधविश्वास ने एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर दिया। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई। आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने उन्हें डायन बताकर पीट-पीटकर मारा और फिर शवों को जला दिया।

पुलिस ने घटना के बाद दो आरोपियों को हिरासत में लिया है और पूरे मामले की जांच जारी है। गांव में तनाव का माहौल है।

जानकारी के अनुसार, गांव के ही रामदेव उरांव के बेटे की झाड़-फूंक के दौरान मौत हो गई थी और दूसरे बेटे की तबीयत बिगड़ रही थी। इसी के बाद गांव वालों ने आरोप लगाया कि उक्त परिवार की महिलाओं ने तंत्र-मंत्र से बच्चों को बीमार किया, और फिर उन्होंने भीड़ जुटाकर हमला कर दिया।

परिवार के एक सदस्य सोनू उरांव ने बताया कि करीब 50 से 70 लोग रात में घर में घुस आए और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जिनकी हत्या की गई उनमें बाबूलाल उरांव, सीता देवी, मनजीत उरांव, रनिया देवी और तपतो मोसमत शामिल हैं।

सोनू का दावा है कि इन लोगों को न सिर्फ पीटा गया, बल्कि बाद में तेल छिड़ककर जिंदा जला दिया गया। शवों को बाद में केसरिया बहियार नामक स्थान पर फेंक दिया गया।

घटना की सूचना मिलने पर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और कई थानों की फोर्स के साथ तत्काल कार्रवाई शुरू की गई। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं, जो आंशिक रूप से जले हुए हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “यह इलाका आदिवासी बहुल है और झाड़-फूंक व तंत्र-मंत्र की गहरी जड़ें यहां अब भी मौजूद हैं। घटना बेहद दर्दनाक और अमानवीय है। फिलहाल दो लोगों से पूछताछ हो रही है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।”

समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट