बिहार: पटना के बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या, 2018 में छोटे बेटे का हुआ था मर्डर

गोपाल खेमका की हत्या के बाद पुलिस के कामकाज के तौर-तरीकों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। परिवार के अनुसार पुलिस काफी देर से घटनास्थल पर पहुंची।

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पटना: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार देर रात हुई उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास गोपाल खेमका की गोली मार कर हत्या कर दी  गई। घटनास्थल से गांधी मैदान थाना की दूरी महज 600 मीटर है। 

इसके बावजूद पुलिस समय पर नहीं पहुंच सकी, जिस पर परिवार और स्थानीय लोगों ने गहरी नाराजगी जताई है। शुरुआती जानकारी के अनुसार हमलावर दो की संख्या में थे और बाइक पर सवार थे। हत्या की वारदात को उस समय अंजाम दिया गया जब खेमका देर रात पटना जू के पास गोल्फ क्लब से अपने घर लौट रहे थे। वे अपने घर के बाहर पहुंच चुके थे और मुख्य द्वार खुलने का इंतजार कर रहे थे।

भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने खेमका परिवार से मुलाकात करने के बाद समाचार एजेंसी IANS से बात करते हुए कहा कि जिसका परिवार का अभिभावक चला जाए, उसकी हालत समझी जा सकती है। 6 साल में पिता-पुत्र दोनों की हत्या होना सिर्फ दुर्भाग्य नहीं, बल्कि यह गंभीर चिंता का विषय है। गोपाल खेमका एक प्रतिष्ठित व्यवसायी और समाजसेवी थे। सरकार को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल कराना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि इतनी बड़ी वारदात शहर के बीचों-बीच होती है और पुलिस समय पर नहीं पहुंचती है। प्रशासन को चेतना होगा और ऐसा कड़ा संदेश देना होगा कि भविष्य में कोई भी अपराधी इस तरह की दुस्साहसिक हरकत की हिम्मत न कर सके।

पुलिस के कामकाज के तरीकों पर परिवार उठा रहा सवाल

गोपाल खेमका के भाई शंकर खेमका ने बताया कि हमें नहीं लगता कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी। वह हर रोज सुबह 10 बजे ऑफिस जाते थे। वारदात की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस निष्क्रिय रही, यह समझ से परे है। रात करीब डेढ़ बजे गांधी मैदान थाना की पुलिस पहुंची और करीब 2 बजे टाउन डीएसपी, फिर ढाई बजे पटना सिटी एसपी आईं। हमने खुद पुलिस को बताया कि कहां गोली चली है, कहां खोखा गिरा है। इसके बाद वे लोग ईंट से घेराबंदी करने लगे। ऐसा लग रहा था मानो वे तमाशा देखने आए हों।

छोटे बेटे की हो चुकी है हत्या

गोपाल खेमका के छोटे बेटे गुंजन खेमका की 2018 के दिसंबर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस घटना को अपराधियों ने वैशाली में अंजाम दिया था। उस मामले में पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी और कारणों का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस ने तब एक अपराधी को गिरफ्तार किया था। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने उस मामले में जिस मस्तु सिंह को गिरफ्तार किया था, उसकी भी हत्या कर दी गई थी।

घटनास्थल पर मौजूद बिल्डिंग के गार्ड राम पारस ने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे गोपाल खेमका ने बिल्डिंग का गेट खोलने के लिए गाड़ी का हॉर्न बजाया। वह जैसे ही गेट खोलने पहुंचे, तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी। गेट खोलने के बाद देखा कि खेमका की मौत हो चुकी थी। हम कुछ समझ पाते इससे पहले ही सब कुछ हो गया। कोई दिखाई नहीं दिया।

फिलहाल एफएसएल की टीम मौके से सबूत इकट्ठा कर रही है। घटनास्थल से दो खाली कारतूस बरामद किए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। टाउन डीएसपी-2 प्रकाश ने बताया कि मामले की जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण किया जा रहा है और जो भी साक्ष्य मिल सकते हैं, उन्हें इकट्ठा किया जा रहा है।

कौन थे गोपाल खेमका?

गोपाल खेमका की गिनकी बिहार के बड़े उद्योगपतियों में होती थी। वे स्वास्थ्य सेवा सहित कई अन्य बिजनेस से जुड़े थे। मगध अस्पताल के मालिक थे। इसके अलावा पटना के पास हाजीपुर में भी उनकी दो फैक्ट्री है। राजधानी पटना में भी उनके कई दवा प्रतिष्ठान है। इसमें मगध इंफ्रा वेंचर्स और जीके कॉटन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। उनके दूसरे बेटे गौरव खेमका हैं।

(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)

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