बिहार में जारी जमीन सर्वे के बीच नवादा में कृष्णा नगर टोले को किसने बना दिया राख? कौन लोग हैं इसके पीछे...

यह पूरी घटना नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देदौर कृष्णा नगर टोले की है। इस महादलित टोले में लगभग 100 घरों से अधिक परिवार रहते है। ग्रामीणों के मुताबिक हमला करने वाले पास के ही गांव के दलित समुदाय के कुछ दबंग हैं। पूरा विवाद जमीन को लेकर था।

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बिहार में जारी जमीन सर्वे के बीच नवादा में कृष्णा नगर टोले को किसने बना दिया राख? कौन लोग हैं इसके पीछे...

Nawada: Villagers inspect the charred remains of huts after miscreants set fire to a Dalit settlementin Bihar's Nawada district on Thursday, September 19, 2024. (Photo: IANS)

पटना: बिहार में इन दिनों जमीन सर्वे चल रहा है। इस दौरान कई तरह के विवाद भी सामने आ रहे हैं। एक बड़ा विवाद नवादा से सामने आया जहां दबंगों ने एक महादलित बस्ती को जला दिया। घटना नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देदौर कृष्णा नगर टोले की है।

मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि इस महादलित टोला में लगभग 100 घरों से अधिक महादलित परिवार रहते है। ग्रामीणों के मुताबिक अचानक बुधवार शाम हुई इस घटना की वजह से लोग कुछ समझ नहीं पाए। दनादन गोलियों की आवाज सुनकर बस्ती में अफरातफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागने लगे।

कई मवेशी जल गए, 10 आरोपी हिरासत में

ग्रामीणों का कहना है कि, यह घटना बुधवार शाम करीब साढ़े सात बजे की है, जब महादलित बस्ती में कई घरों में महिलाएं खाना बना रही थी। इस घटना में घर के जरूरी सामान जलकर खाक हो गए, वहीं इस आगजनी में कई मवेशियों के जलकर मरने की भी सूचना है।

समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट अनुसार घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पंहुची फायर बिग्रेड की टीम ने आग पर काबू पाया। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से टोला में पीड़ित परिवारों को खाने की सामग्री वितरित की गई। घटनास्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा ने कहा कि, घटना के बाद 10 लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस घटना की जांच पड़ताल जारी है। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ प्रशासन कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी।

महादलित बस्ती को किसने जलाया?

घटना के बाद से अभी पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार गांव में कैंप कर रही है। पीड़ित लोगों ने आरोप लगाया है कि पड़ोस के गांव के दलित समुदाय के ही कुछ दबंग लोगों ने पूरी घटना को अंजाम दिया। न्यूज-18 की रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीणों ने प्राणपुर गांव के मुनि पासवान एवं उसके सहयोगियों पर घर जलाने का आरोप लगाया है। घटना के दौरान आरोपियों द्वारा गोलीबारी करने की भी बात सामने आई है।

यह पूरा मामला दरअसल जमीन विवाद से जुड़ा है। कृष्णा नगर में रह रहे लोगों का कहना है कि वे जहां रह रहे हैं, वो बिहार सरकार की जमीन है। वहीं, दूसरा पक्ष जिस पर घरों को जलाने के आरोप लगे है, वो इस जमीन पर दावा करता रहा है। मामला कोर्ट में है। इस बीच आशंका है कि जमीन सर्वे की आपाधापी के बाद दूसरे पक्ष ने जमीन खाली कराने के लिए इस घटना को अंजाम दिया।

कांग्रेस-राजद का नीतीश सरकार पर हमला

घटना के बाद इसे लेकर बिहार की विपक्षी पार्टियों ने नीतीश कुमार की सरकार पर हमले भी शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे जंगलराज का नाम दिया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना को लेकर एक्स पर लिखा, 'बिहार के नवादा में महादलित टोला पर दबंगों का आतंक एनडीए की डबल इंजन सरकार के जंगलराज का एक और प्रमाण है। बेहद निंदनीय है कि करीब 100 दलित घरों में आग लगाई गई, गोलीबारी की गई और रात के अंधेरे में गरीब परिवारों का सब कुछ छीन लिया गया। भाजपा और उसके सहयोगी दलों की दलितों-वंचितों के प्रति घोर उदासीनता, आपराधिक उपेक्षा व असामाजिक तत्वों को बढ़ावा अब चरम पर है। प्रधानमंत्री मोदी हमेशा की तरह मौन हैं, नीतीश जी सत्ता के लोभ में बेफिक्र हैं और एनडीए की सहयोगी पार्टियों के मुंह में दही जम गया है।'

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, 'नवादा, बिहार में महादलितों के 80 से ज्यादा घरों को जला देने की घटना बेहद खौफनाक और निंदनीय है। दर्जनों राउंड फायरिंग करते हुए इतने बड़े पैमाने पर आतंक मचाकर लोगों को बेघर कर देना यह दिखाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। आम ग्रामीण-गरीब असुरक्षा और खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं। हमारी राज्य सरकार से मांग है कि ऐसा अन्याय करने वाले दबंगों पर सख्त कार्रवाई हो और सभी पीड़ितों का समुचित पुनर्वास किया जाए।'

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी, बिहार में आपकी डबल इंजन पॉवर्ड सरकार में दलितों के घर जला दिए गए है। यह भारत देश की ही घटना है। कृपया इस मंगलराज पर दो शब्द तो कह दिजीए कि यह सब प्रभु की मर्जी से हो रहा है इसपर NDA के बड़बोले शक्तिशाली नेताओं का कोई वश नहीं है। यह भी बता दिजीए कि बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री ने महीनों से बोलना बंद कर रखा है। वो ना मीडिया से बात करते है और ना ही पब्लिक से? वो जो भी बोलते है वो अधिकारियों का ही लिखा हुआ बोलते है क्योंकि जब वह स्वयं का बोलते है तो कहीं से कहीं और कुछ से कुछ बोलने लग जाते है शायद इसलिए ही यह पाबंदी लगायी गयी है। NDA को बिहार की नहीं बल्कि अपराधियों की चिंता है।'

राहुल गांधी ने लिखा, 'नवादा में महादलितों का पूरा टोला जला देना, 80 से ज़्यादा परिवारों के घरों को नष्ट कर देना बिहार में बहुजनों के विरुद्ध अन्याय की डरावनी तस्वीर उजागर कर रहा है। अपना घर-संपत्ति खो चुके इन दलित परिवारों की चीत्कार और भयंकर गोलीबारी की गूंज से वंचित समाज में मचा आतंक भी बिहार की सोई हुई सरकार को जगाने में कामयाब नहीं हो पाए।'

सरकार और मंत्रियों ने क्या कहा

केंद्र में मंत्री चिराग पासवान ने पूरी घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'बिहार के नवादा में दबंगों और अपराधियों द्वारा महादलित टोले के लगभग 80 घरों में आग लगाने की ख़बर बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। एनडीए सरकार का प्रमुख सहयोगी होने के नाते माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से मांग करता हूं कि ऐसे दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कठोर से कठोर सजा दी जाए और पीड़ितों की आर्थिक मदद का हर संभव प्रावधान करें। साथ ही, मामले की न्यायिक जांच की भी मांग करता हूं ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी घटना करने की हिमाकत भी न करे। पीड़ित परिजनों के प्रति मेरी और मेरे पार्टी की गहरी संवेदना है, मैं जल्द ही घटनास्थल का दौरा कर परिजनों से मुलाकात करूंगा।'

बिहार सरकार में मंत्री जनक चमार ने घटना को लेकर कहा, 'इसके पीछे कोई भी हो, कारवाई होगी। नवादा में बहुत ही दुखद घटना हुई है, जितनी निंदा की जाए कम है। सरकार में बैठे लोग इस पर कानूनी कारवाई करेंगे। NDA की सरकार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के दलित बिल्कुल सुरक्षित हैं। दबंगों पर कारवाई कर के दलित समाज पर रहनुमाई करने का काम बिहार की मौजूदा सरकार करेगी।'

वहीं, केंद्र में मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लिखा, 'हमारे देश में विपक्ष की विचित्र लीला है, विपक्ष के लोग पहले दलितों पर अत्याचार करवातें हैं फिर उस घटना को मुद्दा बनाकर सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। नवादा की घटना में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उसमें 90 फीसदी लोग एक जाति विशेष के हैं और राजद समर्थक हैं। राहुल गांधी जी अब इस पर कुछ बोलेंगें या फिर चुप्पी साध लेंगें।'

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