नई दिल्लीः पटना में जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े दिए। खासकर तब जब राज्य में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

घटना शुक्रवार रात करीब 11:40 बजे गांधी मैदान इलाके में हुई, जब खेमका अपनी कार से उतर ही रहे थे। तभी बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। यह वही इलाका है जहां राजधानी पटना के कई शीर्ष अधिकारी, जैसे जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अफसर रहते हैं।

खेमका मगध हॉस्पिटल के मालिक थे। इससे पहले 2018 में उनके बेटे और बीजेपी नेता गुंजन खेमका की भी दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, लेकिन आज तक हत्यारे पकड़े नहीं जा सके।

बिहार लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा हैः राहुल गांधी

घटना के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “गोपाल खेमका की हत्या ने फिर साबित कर दिया कि बीजेपी और नीतीश कुमार ने मिलकर बिहार को 'क्राइम कैपिटल' बना दिया है। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।”

उन्होंने आगे कहा, “बिहार आज लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा है। अपराध यहां आम बात हो गई है और सरकार कहीं नजर नहीं आती।”

राहुल गांधी ने जनता से अपील की कि आने वाले चुनाव में सिर्फ सरकार बदलने के लिए नहीं, बल्कि “बिहार का भविष्य बचाने के लिए वोट करें।” उन्होंने कहा, “हर हत्या, हर लूट, हर गोली, बदलाव की पुकार है।”

विपक्ष का सरकार पर हमला

इस घटना को लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि घटना के दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जबकि यह राजधानी का मुख्य इलाका है। उन्होंने कहा, “व्यवसायी डर के माहौल में बिहार छोड़ना चाह रहे हैं। जब राजधानी के बीचोंबीच ऐसी वारदात हो सकती है, तो बाकी जगह क्या हाल होगा?”

तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि “नीतीश कुमार थक चुके हैं, सरकार अफसरशाही के भरोसे चल रही है।” उन्होंने पूछा कि छह साल पहले बेटे की हत्या हुई, और अब पिता की, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं?,

इस हत्याकांड के बाद सांसद पप्पू यादव घटनास्थल पर पहुंचे और सरकार से तीखे सवाल किए। उन्होंने पूछा, “क्या बिहार सरकार चाहती है कि खेमका परिवार के सारे सदस्य मारे जाएं?” गोपाल खेमका की हत्या के बाद पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को सड़क पर उतरकर आक्रोश मार्च निकाला। उन्होंने मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है। 

नीतीश का अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का निर्देश

 उधर, घटना के बाद कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें। लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। ‎बैठक में मुख्यमंत्री को पुलिस महानिदेशक ने अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अपडेट दी।

मुख्यमंत्री ने उद्योगपति गोपाल खेमका की हुई हत्या के संबंध में पुलिस महानिदेशक से विस्तृत जानकारी ली।  ‎इस दौरान उन्होंने इस घटना के कारणों की पूरी तहकीकात कर दोषी की पहचान करने और बिना किसी भेदभाव के उन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि आपराधिक घटना के पीछे किसी प्रकार की साजिश है तो उसकी भी जांच की जाए और जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाए। ‎

‎समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध करने वाले कोई भी हों, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाए। उन्होंने कहा कि घटित आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान कार्यों में तेजी लाएं और इसे समय पर पूरा करें ताकि दोषियों पर त्वरित कार्रवाई हो सके। ‎‎उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्य करें। ‎

जांच के लिए एसआईटी गठित

घटना की गंभीरता को देखते हुए बिहार पुलिस ने एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है, जिसमें एसटीएफ और सेंट्रल ज़िला पुलिस के अधिकारी शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है।