बेंगलुरु भगदड़ः ट्रिब्यूनल ने आरसीबी को ठहराया जिम्मेदार, कहा- पुलिस से अलादीन की उम्मीद नहीं की जा सकती

ट्राइब्यूनल के मुताबिक, बिना किसी पूर्व अनुमति के अचानक सोशल मीडिया पर विजय जुलूस की घोषणा कर आरसीबी ने करीब 3 से 5 लाख लोगों की भीड़ को इकट्ठा कर लिया, जिससे हालात बेकाबू हो गए।

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बेंगलुरुः केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) ने 4 जून को बेंगलुरु में हुई भीषण भगदड़ मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को प्रारंभिक रूप से जिम्मेदार ठहराया है। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे।

ट्राइब्यूनल के मुताबिक, बिना किसी पूर्व अनुमति के अचानक सोशल मीडिया पर विजय जुलूस की घोषणा कर आरसीबी ने करीब 3 से 5 लाख लोगों की भीड़ को इकट्ठा कर लिया, जिससे हालात बेकाबू हो गए।

RCB ने नहीं ली पुलिस से कोई अनुमति

प्राधिकरण ने आदेश में कहा, "प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आरसीबी टीम ने पुलिस से किसी भी प्रकार की अनुमति या सहमति नहीं ली। उन्होंने अचानक सोशल मीडिया पर आयोजन की सूचना दी, जिसके कारण भारी संख्या में लोग एकत्र हो गए।"

ट्राइब्यूनल ने इस आयोजन को अव्यवस्था फैलाने वाला कार्य करार दिया और कहा कि अचानक ऐसा आयोजन करना एक प्रकार की सामाजिक ‘अशांति’ है।

अधिकरण ने पुलिस विभाग का बचाव करते हुए लिखा, "पुलिसकर्मी भी इंसान हैं, न कि भगवान या जादूगर जिनके पास अलादीन का चिराग हो जो एक झटके में हर व्यवस्था पूरी कर दे।" ट्राइब्यूनल ने स्पष्ट किया कि इतने कम समय (करीब 12 घंटे) में पुलिस से सुरक्षा व्यवस्था की पूरी उम्मीद करना असंभव था।

RCB की लापरवाही, राज्य सरकार का अलग कार्यक्रम बना वजह

ट्राइब्यूनल ने बताया कि 3 और 4 जून की रात पहले से ही भारी भीड़ मौजूद थी। साथ ही विधान सौध में राज्य सरकार का एक और कार्यक्रम होने के कारण पुलिस बल पहले से ही व्यस्त था। ऐसे में RCB द्वारा बिना सूचना दिए आयोजन करना गंभीर लापरवाही थी। 

यह टिप्पणी उस सुनवाई के दौरान की गई, जिसमें एक निलंबित बेंगलुरु पुलिस अधिकारी ने अपने निलंबन को चुनौती दी थी। ट्राइब्यूनल ने यह स्पष्ट किया कि पुलिस को इस आयोजन के लिए न तो पर्याप्त समय मिला और न ही पूर्व सूचना, जो किसी भी भीड़ प्रबंधन में अनिवार्य होती है।

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