बेंगलुरु: यहां के व्यस्त केआर मार्केट के पास नगरथपेट इलाके में स्थित कृष्णा कॉम्प्लेक्स में शनिवार तड़के भीषण आग लगने से एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित पांच लोगों की दुखद मौत हो गई। दमकल विभाग और पुलिस ने 12 घंटे से अधिक चले बचाव अभियान के बाद सभी पांच शवों को मलबे से बाहर निकाला।
यह दुखद घटना शनिवार सुबह लगभग 3:15 बजे एक व्यावसायिक इमारत में हुई, जिसकी निचली मंजिल पर एक गोदाम था। आग लगने के बाद, यह तेजी से पूरी इमारत में फैल गई, जिससे ऊपर के मंजिलों पर रहने वाले लोग फंस गए।
एक ही परिवार के चार सदस्यों का दुखद अंत
मृतकों की पहचान सुरेश और मदन सिंह (38) के रूप में हुई है, जबकि मदन के परिवार में उनकी पत्नी संगीता (33) और उनके दो बच्चे मितेश (8) और विहान (5) शामिल हैं। मदन का परिवार इस इमारत की चौथी मंजिल पर रहता था और मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला था।
पुलिस और दमकल अधिकारियों के अनुसार, आग से बचने की कोशिश में मदन ने अपनी पत्नी और बच्चों को घर के अंदर बंद कर दिया था, जिसके बाद वह खुद नीचे आ गए थे। हालांकि, आग की लपटों के कारण वे भी बाहर नहीं निकल पाए और उनकी मौत हो गई, जबकि उनका परिवार ऊपर फंसा रहा।
शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा शुरुआती वजह
घटनास्थल का दौरा करने के बाद, गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने बताया कि शुरुआती जाँच में आग लगने का कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। उन्होंने कहा, "फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के अधिकारियों ने घटनास्थल से नमूने एकत्र किए हैं। एक बार रिपोर्ट मिलने के बाद ही आग लगने की सही वजह पता चल पाएगी।"
परमेश्वर ने यह भी बताया कि इमारत में प्लास्टिक, रबर और अन्य ज्वलनशील सामग्री रखी हुई थी, जिसने आग को और अधिक फैलाया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करने का आश्वासन भी दिया।
संकरी गलियों ने बढ़ाई मुश्किलें
पुलिस आयुक्त सीमान्थ कुमार सिंह ने कहा कि अधिकांश लोग आग लगने के बाद इमारत से बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन एक परिवार अंदर फंस गया। दमकल की 18 गाड़ियां आग बुझाने के लिए लगाई गईं, लेकिन संकरी गलियों के कारण दमकलकर्मियों और वाहनों को घटनास्थल तक पहुँचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
गृह मंत्री ने कहा कि यह एक दुखद घटना है और इस तरह की दुर्घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर में कई छोटी जगहों पर ऐसी इमारतें हैं जहाँ गोदाम और रिहायशी दोनों तरह के इस्तेमाल हो रहे हैं, जिस पर बृहत् बेंगलुरु महानगर पालिके (BBMP) को ध्यान देने की आवश्यकता है।