बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार को बेलडांगा जाते समय पुलिस ने हिरासत में लिया, जानें पूरा मामला

मुर्शिदाबाद जिले का बेलडांगा हिंसक झड़पों के बाद तनावग्रस्त हो गया था। रविवार को दो समुदायों के बीच हुई हिंसा में कम से कम 17 लोग घायल हुए थे, जिसके बाद प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 163 लागू कर इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थीं ताकि स्थिति और न बिगड़े।

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बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार को बेलडांगा जाते समय पुलिस ने हिरासत में लिया, जानें पूरा मामला

पुलिस हिरासत में सुकांत मजूमदार। फोटोः X (सुकांत मजूमदार)

कोलकाताः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार को बुधवार को कृष्णानगर के पास पुलिस ने हिरासत में लिया। वे मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा जा रहे थे, जो हाल ही में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद तनावग्रस्त हो गया था। रविवार को हुई इस हिंसा में कम से कम 17 लोग घायल हुए थे। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 163 लागू कर इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थीं ताकि स्थिति और ना बिगड़े।

सुकांत को क्यों हिरासत में लिया गया?

पुलिस का कहना है कि सुकांत मजूमदार को हिरासत में लिया गया क्योंकि बेलडांगा क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू थे और उनके वहां जाने से शांति भंग हो सकती थी। पुलिस ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि मजूमदार की यात्रा से इलाके में स्थिति और बिगड़ सकती थी। कृष्णानगर पुलिस जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुकांत मजूमदार को धारा 170 के तहत हिरासत में लिया गया था, क्योंकि उन्हें डर था कि उनकी यात्रा से बेलडांगा में शांति भंग हो सकती थी।

सुकांत मजूमदार ने क्या कहा?

हालांकि, पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत ने दावा किया कि पुलिस खुद कानून का उल्लंघन कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उस इलाके से हिरासत में लिया गया, जहां धारा 163 (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) लागू नहीं थी, और वह बेलडांगा से 70 किलोमीटर दूर थे। उन्होंने इसे ममता बनर्जी के शासन में हिंदुओं की आवाज उठाने का सबसे बड़ा अपराध बताया।

मजूमदार ने अपनी गिरफ्तारी के बाद कहा, "हम बेलडांगा की स्थिति का जायजा लेने जा रहे थे। हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलिस के विरोध में अन्य क्षेत्रों में सड़क पर अवरोधक लगाए हैं। पुलिस हमें बेलडांगा जाने से रोक रही है, जबकि हम वहां कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न नहीं करना चाहते थे।"

सुकांत मजूमदार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "ममता बनर्जी का शासन बंगाल के सामाजिक ताने-बाने को बेरहमी से तोड़ रहा है। हमसे दमन नहीं होगा।" उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने हिंसा के दौरान हिंदुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

सुकांत को बेलडांगा जाने जाने से रोके जाने पर पश्चिम बंगाल भाजपा महासचिव और विधायक अग्निमित्रा पॉल ने भी ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी की सरकार हमेशा हमारे मुंह दबाने की कोशिश करती है। आज, हमारे भाजपा पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार बेलडांगा घटना की जानकारी लेने के लिए वहां जा रहे थे। उन्हें आप जाने क्यों नहीं दे रहे। पुलिस प्रशासन लगाकर उनके दौरे में क्यों बाधा डाली जा रही है...।"

इससे पहले, बीजेपी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बेलडांगा जाने की अनुमति के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था। लेकिन, प्रतिबंधात्मक आदेशों के तहत राजनीतिक नेताओं की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था ताकि स्थिति और बिगड़े नहीं।

मूर्शिदाबाद हिंसा

शनिवार (16 नवंबर) रात को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा और आसपास के क्षेत्रों में सांप्रदायिक झड़पें हुईं जिसमें 17 से अधिक लोग घायल हुए और 30 से ज्यादा घरों में तोड़फोड़ या आगजनी हुई। तनाव की शुरुआत कार्तिक पूजा के दौरान सामुदायिक क्लबों के बीच झड़प से हुई, जब बिजली के डिस्प्ले बोर्ड पर अपवित्र टिप्पणी लिखी गई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। जिले में रैपिड एक्शन फोर्स को डिप्लॉय किया गया है। इसके बाद 19 नवंबर तक इंटरनेट बंद कर दिया गया।  बहरहाल हिंसा थम गई है, लेकिन, बेलडांगा, काजीसाहा और बेगुरबन इलाके में धारा 163 लागू की गई है।

 

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