ललित मोदी से पहले नीरव मोदी को भी नागरिकता देने से मना कर चुका है वानुआतु, जानिए क्या है पासपोर्ट नियम?

ललित मोदी से पहले वानुआतु भगोड़े नीरव मोदी के नागरिकता आवेदन को भी खारिज कर चुका है। वानुआतु अपने निवेश द्वारा नागरिकता (CBI) कार्यक्रम के जरिए लोगों को नागरिकता प्रदान करता है

 ललित मोदी-नीरव मोदी

ललित मोदी-नीरव मोदी Photograph: (Social Media)

भगोड़े ललित मोदी के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। वानुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापाट ने ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री जोथम नापाट ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, मैंने सिटिजनशिप कमिशन को निर्देश दिया है कि वो तुरंत ललित मोदी का वानुआतु पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करें। प्रधानमंत्री जोथम नापाट ने यह भी बताया कि ललित मोदी के पासपोर्ट आवेदन की जांच के दौरान इंटरपोल स्क्रीनिंग समेत सभी मानक प्रक्रियाएं अपनाई गई थीं और उस समय उनके खिलाफ कोई आपराधिक केस दर्ज होने की जानकारी नहीं मिली, लेकिन अब यह सामने आया है कि इंटरपोल ने भारत सरकार के अनुरोध को दो बार खारिज कर दिया था। 

नीरव को भी झटका दे चुका है वानुआतु

बता दें कि ललित मोदी से पहले वानुआतु भगोड़े नीरव मोदी के नागरिकता आवेदन को भी खारिज कर चुका है। वानुआतु अपने निवेश द्वारा नागरिकता (CBI) कार्यक्रम के जरिए लोगों को नागरिकता प्रदान करता है, जिसके लिए गैर-वापसी योग्य दान या निवेश की आवश्यकता होती है। कैपिटल इन्वेस्टमेंट इमिग्रेशन प्लान (CIIP) के अनुसार, एकल आवेदकों के लिए आवश्यक राशि 1.55 लाख डॉलर (लगभग 1.30 करोड़ रुपये) है। खास बात है कि यहां इनकम टैक्स समेत दूसरे कई टैक्स नहीं लगते हैंं। यही इसे नागरिकता के लिए सबसे किफायती विकल्पों में से एक बनाता है।

नीरव ने कब किया था नागरिकता के लिए आवेदन

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सार्वजनिक होने से लगभग 3 महीने पहले यानी नवंबर 2017 में नीरव मोदी ने वानुआतु  की नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन किया था। नीरव ने उस समय अपने व्यक्तिगत खाते से 1.95 लाख डॉलर (करीब 1.25 करोड़ रुपये) वानुआतु  सरकार के 18 अधिकृत एजेंटों में से एक को हस्तांतरित किए थे, जो देश के निवेश कार्यक्रम द्वारा नागरिकता की सुविधा प्रदान करते हैं।

खारिज हुआ था नीरव का आवेदन

नीरव के आवेदन पर कार्रवाई करने वाले वानुआतु  स्थित लॉ फर्म इंडिजीन लॉयर्स के प्रबंध भागीदार जस्टिन न्ग्वेले ने उस समय इंडियन एक्सप्रेस को ईमेल के जरिए बताया था कि नीरव ने आवेदन करने के बाद सरकार अपनी वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) से इसकी जांच कराई थी। अधिकारियों ने काफी ईमानदारी से इसकी जांच की। इसमें नीरव के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई प्रतिकूल चीजें सामने आई थीं। इसके बाद सरकार ने उसका आवेदन खारिज कर दिया था।

वानुआतु  ने नागरिकता कार्यक्रम की जांच की कड़ी

निवेश द्वारा नागरिकता योजनाएं अपराधियों को मनी लॉन्ड्रिंग और अपने देश में उचित प्रक्रिया से बचने में मदद करती हैं। पिछले साल दिसंबर में यूरोपीय संघ (EU) ने अपनी नागरिकता योजना के कारण वानुआतु  के साथ वीजा-मुक्त यात्रा समझौते को रद्द कर दिया था। EU का मानना था कि इस कार्यक्रम से उसके लिए सुरक्षा और प्रवासन जोखिम पैदा हुए हैं। इसके बाद से वानुआतु  ने अपने नागरिकता कार्यक्रम की जांच को इंटरपोल सत्यापन सहित ट्रिपल-एजेंसी जांच तक बढ़ा दिया।

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