नई दिल्लीः दिल्ली में राऊ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट हादसे के बाद नगर निगम ने करीब 20 संस्थानों पर कार्रवाई की है। जांच में दिल्ली के कई कोचिंग सेंटरों में बेसमेंट में क्लासरूम और लाइब्रेरी संचालित हो रहे थे। इन बेसमेंटों में समुचित जल निकासी की सुविधाओं का अभाव जैसी कई सुरक्षा नियमों की अवहेलना भी पाई गई है। ये उल्लंघन राजेंद्र नगर के राऊ आईएएस स्टडी सर्कल कोचिंग संस्थान में भी पाए गए थे जहां शनिवार 3 यूपीएससी अभ्यर्थियों की डूबकर मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नवीन डाल्विन नामक पीड़ित बेसमेंट में पानी भर जाने के बाद बाढ़ में फंस गए थे। इस हादसे के बाद छात्र दिल्ली एमसीडी और अवैध रूप से संचालित हो रहे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने शैक्षणिक संस्थानों की सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने में स्थानीय अधिकारियों की गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
इस बीच, सरकार द्वारा राज्यसभा के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में कोचिंग सेंटरों से एकत्रित कुल माल और सेवा कर (जीएसटी) पिछले पांच वर्षों में दोगुने से अधिक हो गया है। 2019-20 से कोचिंग से एकत्रित कुल जीएसटी 2,240.73 करोड़ रुपये था जो 2023-24 में बढ़कर 5,517.45 करोड़ रुपये हो गया।
दिल्ली में कोचिंग संस्थानों की संख्या
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 583 कोचिंग संस्थान हैं। इनमें से केवल 67 संस्थानों के पास ही फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट है। यहां देने वाली बात है कि राऊ आईएएस के पास एनओसी तो थी लेकिन जिस बेसमेंट को स्टोर या पार्किंग के लिए निर्दिष्ट किया गया था वहां अवैध रूप से लाइब्रेरी संचालित हो रहा था।
बेसमेंट में कोचिंग संस्थान चलाना
बेसमेंट में कोचिंग संस्थान चलाने के लिए दिल्ली के मास्टर प्लान और यूनिफाइड बिल्डिंग बाय-लॉज के नियमों के मुताबिक फायर ऑथॉरिटी और अन्य सरकारी एजेंसियों से मंजूरी लेनी होती है। यूनिफाइड बिल्डिंग बाय-लॉज 2016 के मुताबिक, स्कूल या कॉलेज जैसे एजुकेशनल बिल्डिंग्स में बेसमेंट या सेलर रूम को पढ़ाई या ट्यूशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, बशर्ते कि वो फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को पूरा करते हों।
बेसमेंट निर्माण के नियम
दिल्ली के यूनिफाइड बिल्डिंग बाय-लॉज, 2016 के अनुसार, बेसमेंट का निर्माण मंजूरी देने वाले अधिकारी द्वारा दिल्ली के मास्टर प्लान/जोनल डेवलपमेंट प्लान में निर्धारित भूमि उपयोग और अन्य प्रावधानों के अनुसार अनुमति दिया जाएगा।
दिल्ली में बेसमेंट निर्माण के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं:
बेसमेंट की ऊंचाई और चौड़ाई: बेसमेंट की ऊंचाई कम से कम 2.4 मीटर होनी चाहिए और चौड़ाई भी कम से कम 2.4 मीटर होनी चाहिए।
वेंटिलेशन: बेसमेंट में पर्याप्त हवा का प्रबंध होना जरूरी है।
जल निकासी: बेसमेंट में बारिश का पानी न आ सके, इसके लिए अच्छे इंतजाम होने चाहिए।
पानी रोधी दीवारें और फर्श: बेसमेंट की दीवारें और फर्श पानी को रोक सकने वाले होने चाहिए।
आवाजाही: बेसमेंट तक जाने के लिए मुख्य सीढ़ी या दूसरी सीढ़ी का रास्ता होना जरूरी है।
अग्निशमन की मंजूरी: एक से ज्यादा बेसमेंट वाले भवनों के लिए अग्निशमन विभाग से मंजूरी लेनी होगी।