नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अवैध प्रवासियों के बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें फर्जी दस्तावेज बनाने वाले, आधार ऑपरेटर और नकली वेबसाइट तैयार करने वाले तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज नकली वेबसाइट के जरिए तैयार किए थे।
यह कार्रवाई दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश के बाद शुरू हुई। आरोपियों का तरीका यह था कि वे फर्जी आईडी तैयार कर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनाते थे। बांग्लादेश से दिल्ली तक अवैध प्रवास के लिए जंगलों के रास्तों और एक्सप्रेस ट्रेनों का इस्तेमाल किया गया।
हत्या की जांच में मिला सुराग
यह मामला तब सामने आया जब संगम विहार थाना क्षेत्र में 21 अक्टूबर को सेंटु शेख उर्फ राजा की हत्या की जांच शुरू हुई। जांच के दौरान पुलिस ने चार बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने हत्या की बात स्वीकार की। इनके नाम मिदुल मियां उर्फ आकाश अहमद, फर्दीन अहमद उर्फ अभि अहमद और दो महिलाएं हैं।
जांच में पता चला कि ये सभी अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए थे और पिछले एक साल से संगम विहार में रह रहे थे। उनके पास फर्जी भारतीय पहचान पत्र थे। पूछताछ के दौरान उन्होंने अपने असली बांग्लादेशी दस्तावेज, जिसमें चिप आधारित एनआईडी कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र शामिल थे, प्रस्तुत किए।
Delhi | A major racket facilitating illegal immigration of Bangladeshi nationals uncovered. Fake Aadhaar, voter ID cards, and other documents created using forged IDs via a fake website. 11 accused arrested, including document forgers, Aadhaar operators, and tech experts behind…
— ANI (@ANI) December 24, 2024
फर्जी दस्तावेज बनाने का नेटवर्क उजागर
मृतक के घर से 21 आधार कार्ड, 4 वोटर आईडी कार्ड और 8 पैन कार्ड बरामद हुए, जो बांग्लादेशी नागरिकों के बताए जा रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पता लगाना शुरू किया। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने कई जगह छापेमारी की और सहगल टीम के तकनीकी विशेषज्ञ साहिल सहगल, अफरोज, सोनू कुमार, मोहम्मद दानिश और सद्दाम हुसैन को गिरफ्तार किया। सहगल के रोहिणी स्थित ऑनलाइन कंप्यूटर सेंटर में फर्जी आधार कार्ड बनाए जाते थे।
फर्जी वेबसाइट और दस्तावेजों का धंधा
सोनू ने यूट्यूब के जरिए फर्जी वेबसाइट बनाना सीखा था। उसने Jantaprints.site नाम की वेबसाइट बनाई, जहां जन्म प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, कोविड सर्टिफिकेट और आय प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज बेहद कम दामों में उपलब्ध कराए जाते थे। एक जन्म प्रमाणपत्र मात्र ₹20 और ड्राइविंग लाइसेंस ₹7 में बनाए जाते थे।
पुलिस के मुताबिक, अवैध प्रवासियों को जंगल के रास्तों से भारत लाया जाता था। फिर उन्हें एसी ट्रेनों से दिल्ली भेजा जाता था। यहां पहुंचने पर उन्हें नकली आधार कार्ड और सिम कार्ड मुहैया कराए जाते थे। आरोपियों ने पेटीएम क्यूआर कोड के जरिए भुगतान किया। पुलिस ने 6 लैपटॉप, 6 मोबाइल, आधार कार्ड मशीन और बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद किए।
रिपोर्टों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी नाबालिगों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाने पर जोर देते थे। क्योंकि इन्हें विभिन्न केंद्रों पर आसानी से स्वीकृत किया जा सकता था। इस रैकेट ने दिल्ली में अवैध प्रवासियों के लिए एक संगठित तंत्र तैयार कर रखा था। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है और अन्य जुड़े लोगों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।