नई दिल्ली: भारतीय विदेश विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संसद में बांग्लादेश के हालात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते हालात के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से जबरन इस्तीफा देने के बाद भारत आने के लिए ‘बहुत ही कम समय के नोटिस पर’ अनुमति का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अभी भी स्थितियां बदल रही हैं। उन्होंने राज्य सभा में यह भी बताया कि बांग्लादेश में हिंसा के बीच वहां के अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों और मंदिरों पर भी हमले की खबरें हैं।
सरकार ने संसद को दी बांग्लादेश के हालात की जानकारी
एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालात पर भारत की प्रतिक्रिया और वहां अनुमानित 19,000 भारतीय नागरिकों की स्थिति पर संसद को जानकारी दी। विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों के साथ ‘निरंतर संपर्क’ में है। उन्होंने बांग्लादेश से भी भारतीय नागरिकों के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने की अपील की।
जयशंकर ने संसद में बयान देने से पहले मंगलवार सुबह सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं और सोमवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर हालात की जानकारी दी थी। विदेश मंत्री ने संसद में कहा कि वे इस मुद्दे पर ‘सदन से समर्थन’ की मांग करते हैं।
एस जयशंकर ने कहा, ‘5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में एकत्र हुए। हमारी समझ यह है कि सुरक्षा की स्थिति देख रहे नेतृत्व के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया। बहुत ही कम समय के नोटिस पर उन्होंने फिलहाल भारत आने की मंजूरी का अनुरोध किया। हमें साथ ही उड़ान मंजूरी के लिए अनुरोध भी प्राप्त हुआ…वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं।’
‘भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं हमलोग’
विदेश मंत्री ने आगे कहा, ‘बांग्लादेश में स्थिति अभी भी बदल रही है। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में हैं। अनुमान है कि वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9,000 छात्र हैं। अधिकांश छात्र जुलाई में लौट आए।’
#WATCH | Speaking in Rajya Sabha on the situation in Bangladesh, External Affairs Minister Dr S Jaishankar says, “…We are in close and continuous touch with the Indian community in Bangladesh through our diplomatic missions. There are an estimated 19,000 Indian nationals there… pic.twitter.com/SJSv1hkQ1f
— ANI (@ANI) August 6, 2024
उन्होंने कहा, ‘पिछले 24 घंटों में हम ढाका में अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं। मैं एक महत्वपूर्ण पड़ोसी से संबंधित संवेदनशील मुद्दों पर सदन की समझ और समर्थन चाहता हूं, जिस पर हमेशा मजबूत राष्ट्रीय सहमति रही है।’
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ढाका में अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। नई दिल्ली को उम्मीद है कि मेजबान सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के अलावा बांग्लादेश में भारतीय प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करेगी।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, हिंदुओं का क्या हाल है?
बांग्लादेश में अराजकता और हिंसा के बीच हिंदू समेत अन्य अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है, इस पर भी विदेश मंत्री ने सदन में बात रखी। बांग्लादेश में करीब 90 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम हैं। एस जयशंकर ने कहा, ‘हम अल्पसंख्यकों के संबंध में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहल की कुछ खबरें आई हैं। हम इसका स्वागत करते हैं… लेकिन जब तक कानून-व्यवस्था ठीक से बहाल नहीं हो पाती है, हम गहराई से इस पर नजर रखेंगे और चिंतित रहेंगे।
एस जयशंकर ने यह भी कहा कि ढाका में कुछ अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं। साथ ही मंदिरों पर भी हमले की खबरें हैं। उन्होंने कहा, ‘4 अगस्त को घटनाओं ने बहुत गंभीर मोड़ ले लिया। पुलिस स्टेशनों और सरकारी प्रतिष्ठानों सहित पुलिस पर हमले तेज हो गए। यहां तक कि हिंसा का स्तर बहुत बढ़ गया। देश भर में शासन से जुड़े व्यक्तियों की संपत्तियों को आग लगाया जाने लगा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘जो विशेष रूप से चिंताजनक था कि अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों और मंदिरों पर भी कई स्थानों पर हमले हुए है। इसका कितना असर हुआ है, ये अभी भी स्पष्ट नहीं है। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निकट और निरंतर संपर्क में हैं।’
गौरतलब है कि बांग्लादेश की घटना भारत के लिए भी एक बड़ी समस्या है। खासकर ब्रिटेन ने अगर शेख हसीना के शरण अनुरोध को अस्वीकार कर दिया तो भारत के लिए स्थिति थोड़ी मुश्किल भरी हो जाएगी। भारत यह भी नहीं चाहेगा कि वह खुले तौर पर अपदस्थ नेता का समर्थन करते हुए नजर आए। इससे बांग्लादेश में नई सरकार के साथ भारत के रिश्ते जटिल हो सकते हैं।