बांग्लादेश की शतरंज खिलाड़ी को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजा गया, मेडिकल वीजा पर भारत में टूर्नामेंट खेलने का आरोप

बांग्लादेश की 80 वर्षीय चेस प्लेयर रानी हामिद अपनी साथी आशिया सुल्ताना को भारत में प्रवेश न मिलने से दुखी हैं। सुल्ताना ने मेडिकल वीजा पर कोलकाता में गेम खेला था।

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रानी हामिद Photograph: (सोशल मीडिया - एक्स)

नई दिल्लीः बांग्लादेश की प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी सईदा जसीमुन्नेस खातून दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय ओपन ग्रैंडमास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए इस महीने की शुरुआत में भारत पहुंची थीं। हालांकि, उनके साथ आई उनकी साथी आशिया सुल्ताना को नई दिल्ली के इंदिरा गांदी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने में प्रवेश से रोका गया। इससे सईदा खातून काफी परेशान हैं। दरअसल, सुल्ताना को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) द्वारा ब्लैकलिस्ट में डाला गया था जिसके बाद उनको भारत में प्रवेश नहीं दिया गया और अगले दिन उन्हें वापस बांग्लादेश जाना पड़ा। 

दरअसल, आशिया पर आरोप है कि उन्होंने पिछली यात्रा के दौरान मेडिकल वीजा पर कोलकाता में शतरंज टूर्नामेंट में भाग लिया था। इसीलिए आशिया सुल्ताना को रातभर एयरपोर्ट इमिग्रेशन सेंटर में रखा गया और सामान नहीं दिखाया गया। इसके बाद उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दिया गया।  

रानी हामिद के नाम से हैं विख्यात

सईदा को रानी हामिद के नाम से जाना जाता है। वह बांग्लादेश की पहली विमेन इंटरनेशनल मास्टर (WIM) हैं। उन्होंने यह खिताब 1985 में हासिल किया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, उनकी साथी को प्रवेश न मिलने से काफी दुखी हैं और भावनात्मक रूप से व्यथित हैं। 

दिल्ली में जीएम ओपन के दौरान टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान कहा "मैं बहुत दुखी हूं। मेरे साथ आई महिला को भारत में प्रवेश नहीं कराने दिया गया। उसे इमिग्रेशन सेंटर में रात भर बैठाया गया। उसे अपना सामान भी नहीं उठाने दिया गया। अगले दिन उसे दोगुने दाम पर वापसी का टिकट खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा।" 

उन्होंने आगे कहा "मेरा दिमाग खराब है और मैं खेल पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही हूं।"

इस घटनाक्रम के बाद से इस टूर्नामेंट में हामिद का प्रदर्शन चुनौतीपूर्ण रहा है। इस दौरान छह मैच में उन्हें एक जीत और एक ड्रा गेम हुआ है। ये सभी मुकाबले कम रैंकिंग वाले प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेले गए हैं। 

अकेले नहीं करती हैं ट्रैवल

हामिद बढ़ती उम्र के कारण टूर्नामेंट में अकेले यात्रा करने से परहेज करती रही हैं। उन्होंने कहा, "मैं कभी अकेले यात्रा नहीं करती। मेरे साथ हमेशा कोई न कोई रहता है। वह मेरे साथ थी और अब वह चली गई है। मैं अकेली रह गई हूं।"  

इस दौरान उन्होंने भारत और बांग्लादेश के अधिकारियों के बीच समन्वयता की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की। हामिद ने कहा "उसका पासपोर्ट क्लियर था, सभी दस्तावेज सही थे लेकिन इमिग्रेशन ने उसे बताया कि मेडिकल वीजा पर पिछले टूर्नामेंट में खेलने के कारण उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था।"

हामिद ने कहा कि उन्होंने इमिग्रेशन अधिकारी से नरमी बरतने की गुहार लगाई और नियमों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाने की बात कही। हालांकि, तनाव के बावजूद रानी हामिद ने दिल्ली शतरंज संघ (डीसीए) द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की। 

वहीं, डीसीए अध्यक्ष भरत सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन के साथ आने वाली कई चुनौतियों में एक बताया।

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