नई दिल्लीः दिल्ली में भाजपा सरकार ने केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ साझेदारी की है। दिल्ली की भाजपा सरकार ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था।
सरकार ने शनिवार को यह योजना लागू करने के लिए समझौता किया है। यह समझौता होने के साथ दिल्ली केंद्र सरकार की यह योजना लागू करने वाला 35 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बन गया है। योजना लागू होने के बाद से 10 अप्रैल से लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड दिया जाएगा।
अब भारत में सिर्फ पश्चिम बंगाल अकेला ऐसा राज्य है जहां पर यह योजना लागू नहीं है।
10 लाख का मिलता है स्वास्थ्य कवर
इस योजना के अंतर्गत 27 विशेषज्ञताओं में 1,961 चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर किया जाता है। इसके अंतर्गत लाभार्थी को दवाएं, निदान, अस्पताल में रहना, देखभाल और शल्य चिकित्सा शामिल है।
दिल्ली में इस योजना के लागू होने के बाद लाभार्थियों को 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर मिलेगा जिसमें पांच लाख दिल्ली सरकार और पांच लाख रुपये केंद्र सरकार की तरफ से की जाती है।
इस योजना को राष्ट्रीय राजधानी में लागू करने को लेकर दिल्ली के अधिकारियों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच समझौता हुआ। इस दौरान दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
सीएम रेखा गुप्ता ने क्या कहा?
इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने बोलते हुए कहा कि इससे दिल्ली के निवासियों को लंबे समय से रुकी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। इसके साथ ही उन्होंने पिछली आप सरकार पर योजना लागू न करने को लेकर निशाना साधा।
VIDEO | After signing of MoU between Delhi government and central government over Ayushman Bharat Scheme, CM Rekha Gupta (@gupta_rekha) says, "The Delhi people were victim of state government getting at loggerheads with central government. They did not implement this scheme here,… pic.twitter.com/y4luabSTgV
— Press Trust of India (@PTI_News) April 5, 2025
उन्होंने दिल्लीवासियों के लिए कहा "यह दिल्ली के लिए खुशी का पल है। दिल्ली सरकार पांच लाख रुपये केंद्र सरकार के साथ पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी। इससे योग्य लोगों को 10 लाख का कवर प्रदान किया जाएगा। "
इस योजना की देखरेख राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से किया जाता है। दिल्ली में इस योजना के लागू होने के बाद से लाभार्थियों की पहचान की जाएगी और पंजीकरण किया जाएगा।