लोकसभा चुनाव के बीच भारत में काम कर रहे 30 विदेशी पत्रकारों ने मोदी सरकार पर जताई नाराजगी! एक रिपोर्टर के आरोप पर हंगामा...क्या है पूरी कहानी?

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Australian journalist Avni Dias

ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी दियास (फोटो- @AvaniDias, X)

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विदेशी प्रेस से एक बार फिर टकराव की खबरें सामने आई हैं। दरअसल, ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (ABC) के लिए काम करने वाली श्रीलंकाई मूल की ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी दियास ने आरोप लगाया है कि उनकी वीजा अवधि नहीं बढ़ाई गई दुनिया के सबसे लोकतंत्र वाले दश के चुनाव के बीच उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर किया गया। अवनी दियास ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें यह बताया गया कि उनकी वीजा अवधि नहीं बढ़ाई जा रही है क्योंकि उनकी रिपोर्टिंग ने 'हद पार कर ली' है। एक तरह से ये सीधा-सीधा आरोप केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर है। अब इस विवाद को लेकर भारत में काम कर रहे 30 विदेशी पत्रकारों ने मोदी सरकार की आलोचना की है।

एबीसी के लिए बतौर साउथ एशिया ब्यूरो चीफ काम करने वाली डियास 2022 से भारत में काम कर रही थी और पिछले ही हफ्ते उन्होंने देश छोड़ा। दियास के इस दावे का समर्थन करते हुए कि उनका पत्रकारिता वीजा इसलिए रिन्यू नहीं किया गया क्योंकि सरकार ने उन्हें बताया था सिख अलगाववादी आंदोलन पर उनकी रिपोर्टिंग ने 'हद पार कर ली थी', विदेशी पत्रकारों ने एक पत्र लिखकर भारत सरकार से स्वतंत्र प्रेस के लिए जगह देने की मांग की है।

ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के दावे का सच क्या है?

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार के सूत्रों ने आरोपों पर जवाब देते हुए दावा किया कि ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार का यह तर्क कि उन्हें चुनाव कवर करने की अनुमति नहीं दी गई और देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया...सही नहीं है। साथ ही यह भ्रामक और शरारत भरा है। सरकार के सूत्रों ने कहा कि उनके वीजा को उनके भारत छोड़ने से दो दिन पहले ही रिन्यू किया गया था।

हालांकि, पत्रकारों ने अपने पत्र में कहा कि ये जरूर है कि दियास के प्रस्थान से ठीक पहले उनका वीजा दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया था, लेकिन उन्हें यह भी बताया गया था कि उन्हें चुनाव कवर करने की इजाजत नहीं मिलेगी। पत्र में कहा गया है, 'इस प्रकार, हालांकि तकनीकी रूप से उन्हें निष्कासित नहीं किया गया, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने चुनाव की पूर्व संध्या पर एक विदेशी संवाददाता को प्रभावी ढंग से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।' दियास 19 अप्रैल को भारत छोड़ के चली गईं। इसी दिन लोकसभा चुनाव के पहले चरण का भी मतदान हुआ।

दूसरी ओर भारत सरकार के सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि दियास असल में व्यक्तिगत कारणों से भारत छोड़कर गई हैं। दावा है कि वह एक नई नौकरी को ज्वॉइन करने के लिए भारत से गई हैं। वहीं, बुधवार को 'द ऑस्ट्रेलिया टुडे' ने एक रिपोर्ट में कहा कि दियास 'भारत सरकार द्वारा किसी कथित धमकी के बजाय एक नए पेशेवर मौके से प्रेरित होकर' लौट आई हैं।

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