असम में गोमांस पर बैन, होटल-रेस्टोरेंट और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं बिकेगा बीफ

इससे पहले मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी लिखित रूप में अनुरोध करती है, तो वह गोमांस की खपत पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं।

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Assam government imposes complete ban on eating and serving beef in the state

असम में सार्वजनिक रूप से गोमांस खाने पर पूर्ण प्रतिबंध (फाइल फोटो- IANS)

गुवाहाटी: असम सरकार ने बुधवार को राज्य के सभी रेस्तरां, होटल, सार्वजनिक कार्यक्रमों और सामुदायिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस फैसले की घोषणा करते हुए बताया कि यह निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया, जिसमें गोमांस खाने के मौजूदा कानूनों में संशोधन करने की मंजूरी दी गई।

अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पहले केवल मंदिरों के पास गोमांस खाने पर रोक लगाने का विचार था, लेकिन अब यह प्रतिबंध पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।

इसका मतलब है कि असम में अब किसी भी होटल, रेस्तरां, सार्वजनिक समारोह या सामुदायिक स्थान पर गोमांस नहीं खाया जा सकेगा। इस आदेश के बाद, राज्य में कहीं भी गोमांस परोसा या खाया नहीं जा सकेगा।

मंत्री ने कांग्रेस नेताओं को दी पाकिस्तान जाकर बसने की सलाह

खबर के अनुसार इस फैसले के बाद, असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस को चुनौती दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट किया और कांग्रेस नेताओं से कहा कि वे या तो इस गोमांस प्रतिबंध का स्वागत करें या पाकिस्तान जाकर बस जाएं। यह बयान कांग्रेस और बीजेपी के बीच बढ़ती बयानबाजी का हिस्सा था।

मुख्यमंत्री ने पहले ही इस तरह की रोक लगाने के संकेत दिए थे। पिछले रविवार को उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी लिखित रूप में अनुरोध करती है, तो वह गोमांस की खपत पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं।

असम में गोमांस पर रोक को लेकर कांग्रेस ने क्या कहा है

यह बयान कांग्रेस नेताओं द्वारा किए गए आरोपों के बाद आया था, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि उसने मुस्लिम बहुल इलाके सामागुरी में हाल ही हुए उपचुनावों में वोट हासिल करने के लिए गोमांस बांटा था।

इस फैसले के बाद असम में राजनीतिक बयानबाजी और तीव्र हो गई है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गोमांस पर रोक के समर्थन में अपनी बात रखी, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे राज्य की बहुसांस्कृतिक पहचान के खिलाफ बताया। इस प्रकार, यह मामला असम की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है।

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