असमः उमरंगशू क्षेत्र के कोयला खदान में 100 फीट तक भरा पानी, कई श्रमिकों के फंसे होने की आशंका

इस हादसे पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य सरकार ने सेना से भी मदद की गुजारिश की है, ताकि बचाव कार्य को तेजी से पूरा किया जा सके।

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खदान का स्थान पहाड़ी इलाके में स्थित है, जो मेघालय सीमा के नजदीक है। फोटोः ANI

गुवाहाटीः असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगशू क्षेत्र में स्थित एक अवैध 'रैट होल' कोयला खदान में कई श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी सामने आई है। यह खदान करीब 300 फीट गहरी है जिसमें 100 फीट तक पानी भर चुका है जिससे बचाव कार्य में गंभीर मुश्किलें आ रही हैं। यह घटना सोमवार सुबह तब हुआ, जब कुछ मजदूर खदान के अंदर कोयला निकालने के लिए गए थे।

खदान का स्थान पहाड़ी इलाके में स्थित है, जो मेघालय सीमा के नजदीक है और यह स्थान सुलभ नहीं है, जिससे राहत और बचाव कार्य में देरी हो रही है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की विशेष टीमों को मौके पर पहुंचने के लिए भेजा गया है।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान

इस हादसे पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य सरकार ने सेना से भी मदद की गुजारिश की है, ताकि बचाव कार्य को तेजी से पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट में लिखा, "हमने चल रहे बचाव अभियान में सेना की सहायता का अनुरोध किया है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) भी मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं।"

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खदान में घुसने वाले श्रमिकों की संख्या और उनकी स्थिति को लेकर स्थिति अभी भी अस्पष्ट है। हालांकि हिमंत सरमा ने एक्स पोस्ट पर खादान में फंसे हुए मजदूरों की सूची भी साझा की है जिसमें 9 लोगों के नाम है।  दीमा हसाओ के डिप्टी कमिश्नर सिमांता कुमार दास ने कहा, "अवधारणा के अनुसार, कई श्रमिक खदान के अंदर फंसे हैं, लेकिन खदान का स्थान दूर-दराज है, जिससे अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कितने लोग अंदर हैं और उनकी स्थिति क्या है।"

घटना के बाद फर्म के लोग मौके से भाग गए

यह घटना सोमवार दोपहर करीब 1 बजे की बताई जा रही है और जब पुलिस की टीम शाम को मौके पर पहुंची तो कोई भी व्यक्ति घटनाक्रम की सही जानकारी देने के लिए उपलब्ध नहीं था। खबर लिखे जाने तक बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार,  17 मजदूर खदान से बाहर निकाले जा चुके थे, जबकि दस से अधिक मजदूरों के फंसे होने की सूचना थी। यह खदान असम सरकार के खनिज विभाग द्वारा एक निजी फर्म को कोयला निकालने के लिए ठेके पर दी गई थी। घटना के बाद फर्म के लोग मौके से भाग गए।

पहले भी हुए ऐसे हादसे

पिछले कुछ वर्षों में ऐसी घटनाएं और भी हुई हैं, जिनमें अवैध खदानों में श्रमिकों की मौतें हुईं। दिसंबर 2018 में मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स में एक अवैध कोयला खदान में पानी घुसने से 15 श्रमिक फंस गए थे। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के आपदा प्रतिक्रिया बल पूरी तरह से इस घटना की जांच करने और प्रभावित श्रमिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए जुटे हुए हैं।

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