असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तथाकथित ऑनलाइन जिहाद का मामला उठाया है। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उन पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा सांप्रदायिक राजनीति कर रहे हैं

असम के मुख्यमंत्री ने कहा, "हाल ही में एक चलन सामने आया है, जहां कुछ अकाउंट्स ने अपने एजुकेशन के लिए आईआईटी गुवाहाटी का जिक्र किया है। अब इस खुलासे के बाद, वे फेसबुक पर छद्म हिंदू नाम अपनाएंगे। ठीक वैसे ही जैसे लव जिहाद में वे हिंदू नामों का इस्तेमाल करते हैं। लव जिहाद के बाद अभी एक तबका ऑनलाइन जिहाद की फिराक में है।"

हिमंत बिस्वा सरमा ने लगाया आरोप

सीएम सरमा ने आरोप लगाया कि 5,000 से अधिक ‘सोशल मीडिया अकाउंट' कांग्रेस की असम इकाई का प्रचार एवं समर्थन करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। उनका दावा है कि इनमें से ज्यादातर ‘अकाउंट' इस्लामिक देशों से संचालित होते हैं। हिमंता सरमा ने दिसपुर के लोक सेवा भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि ये ‘अकाउंट' 47 देशों में एक्टिव हैं और इनमें से सबसे अधिक संख्या में एक्टिव ‘अकाउंट' बांग्लादेश और पाकिस्तान में हैं। उन्होंने दावा किया कि ये ‘अकाउंट' पिछले एक महीने से कांग्रेस की असम इकाई के एक विशेष नेता और पार्टी की राज्य इकाई के पेज की गतिविधियों पर खासतौर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक है कि वे राहुल गांधी या यहां तक ​​कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पोस्ट पर भी टिप्पणी या ‘लाइक' नहीं करते। वे केवल एक विशेष नेता और कांग्रेस की असम इकाई पर ध्यान केंद्रित करते हैं।'' असम के अलावा वे इस्लामी कट्टरपंथी सामग्री पोस्ट करते हैं जिसमें फिलिस्तीन, ईरान और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस संबंधी पोस्ट शामिल हैं।

कांग्रेस लीडर शमा मोहम्मद का पलटवार

कांग्रेस लीडर शमा मोहम्मद ने पलटवार करते हुए कहा, 'हिमंत बिस्वा सरमा से पूछिए कि सुबूत दिखाएं। हिमंत दिनभर हिन्दू-मुसलमान और पाकिस्तान की बातें करते रहते हैं। असम में चुनाव को अभी एक साल बचा है। जनता को बताना चाहिए कि पिछले 4 साल में क्या काम किया गया लेकिन वो दिनभर सांप्रदायिक बातें करते रहते हैं। हिमंत डर गए हैं कि वो असम हार जाएंगे इसलिए सांप्रदायिक बातें करते रहते हैं।'

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, 'हिमंत चाटुकारिता की हद से आगे जा चुके हैं। वे कांग्रेस से बीजेपी में गए हैं, इसलिए हिमंत चाटुकारिता कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता जिन्ना की मजार पर नहीं गए, जिन्ना की मजार पर बीजेपी नेता आडवाणी गए थे। पीएम मोदी भी गए पाकिस्तान थे और बिरयानी खाकर आ गए।'